चंबा. हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है और उम्मीदवार अपने क्षेत्र के मतदाताओं को रिझाने में जुटे हुए हैं.चंबा में भी चुनावी प्रचार अभियान जोर-शोर से जारी है. इस सीट पर पांच प्रत्याशियों ने दावा ठोंका है. मगर यहां प्रमुख राजनीतिक दलों को कुछ और चिंताएं भी सता रही हैं. भाजपा से नाराज होकर स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे उम्मीदवार पार्टी के लिए चुनौती बने हुए हैं.
पार्टी ने नहीं जताया भरोसा तो खुद उतरे मैदान में
चंबा में भाजपा को कार्यकर्ताओं का कुछ ज्यादा ही विरोध झेलना पड़ा. पार्टी ने पवन नैयर को टिकट दिया. इससे नाराज होकर डीके सोनी और बालकृष्ण चौहान ने पार्टी से किनारा कर लिया और निर्दलीय पर्चा भर दिया. दोनों दिनरात एक कर प्रचार कार्य में लगे हुए हैं.
विपक्षियों को मिलेगा फूट का फायदा
लंबे समय से पार्टी से जुड़े डीके सोनी का कहना है कि पार्टी हाईकमान के सामने उन्होंने टिकट की दावेदारी की थी. मगर पार्टी ने टिकट दूसरे को दे दिया. इससे कार्यकर्ताओं में भी काफी निराशा थी. जनता की खातिर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया. उनका कहना है कि जीत मिलने के बाद तय करेंगे कि किस पार्टी का साथ देना है.
जाहिर है, संगठन में हुई इस फूट का फायदा निश्चित तौर पर विपक्षी नेताओं और पार्टियों को मिलेगा. पार्टी से जुड़े हिमाचल के वरिष्ठ नेताओं के माथे पर इन चिंताओं की लकीरें साफ पढ़ी जा सकती हैं.