बिलासपुर. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान बिलासपुर में जल्द ही क्यूआर कोड स्कैन कर पंजीकरण की सुविधा मिलेगी. इसके बाद मरीजों को लाइनों में लगकर पर्ची बनाने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. आगामी तीन माह में एम्स में इस प्रक्रिया को पूरी तरह से शुरू करने के लिए उपकरण स्थापित कर दिए जाएंगे.
एम्स में पंजीकरण के लिए आधार कार्ड आवश्यक
अब एम्स में आने वाले मरीजों को अपने साथ आधार कार्ड लाना जरूरी कर दिया गया है. एम्स प्रबंधन ने लोगों से आग्रह किया है कि अपने फोन पर या हार्ड कॉपी आधार कार्ड को साथ लेकर ही एम्स आएं. साथ ही सभी लोग अपने फोन पर आभा एप डाउनलोड कर लें. आधार कार्ड होने से पंजीकरण करते समय नाम, पते को कंप्यूटर सिस्टम में दर्ज करते समय होने वाली गलतियां नहीं होंगी. वहीं, मरीज के दस्तावेज बनाने के लिए नाम और पता सही होने पर कोई परेशानी भी नहीं होगी.
क्या है आभा आईडी
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन 2023 प्रधानमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य अभियान की शुरुआत 27 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकों को स्वास्थ्य संबंधी बेहतर सुविधा देने के लिए की है. मिशन के अंतर्गत आम लोगों को एक यूनिक हेल्थ आईडी मिलेगी, जिसके माध्यम से सभी लोगों का स्वास्थ्य संबंधी जानकारियों का पूरा ब्योरा रखा जाएगा. इसके लिए एक ऑनलाइन प्लेटफार्म तैयार किया गया है जो डिजिटल स्वास्थ्य ईको सिस्टम के अंतर्गत स्वास्थ्य से जुड़े अन्य पोर्टल के परस्पर संचालन को भी सक्षम बनाता है. लाभार्थियों को इसके लिए एक हेल्थ आईडी प्रदान की जाएगी जो 14 अंकों की होगी. यह एक तरह से उनके हेल्थ अकाउंट की तरह ही काम करेगी, जिसे मोबाइल एप के जरिये भी देखा जा सकेगा.
जानिए आभा के लाभ
अब सभी पुरानी मेडिकल हिस्ट्री और रिपोर्ट डिजिटल माध्यम से संग्रहित रहेंगी और उन्हें कभी भी एक्सेस किया जा सकेगा. लोगों को सालों पुरानी रिपोर्ट आदि सहेजने की आवश्यकता नहीं होगी. साथ ही यदि ये रिपोर्ट, रसीद या इलाज संबंधी पेपर वर्क खो भी जाते हैं तो भी उन्हें परेशान नहीं होना होगा.
एम्स बिलासपुर डॉक्टर- दिनेश वर्मा
आगामी दो से तीन माह में एम्स के पंजीकरण काउंटरों पर क्यूआर कोड चिपका दिए जाएंगे. जिन्होंने भी आभा एप डाउनलोड की होगी, वे काउंटर पर जाएंगे और आईडी स्कैन करने के बाद कुर्सी पर जाकर बैठ जाएंगे. उसके बाद उसका सारा रिकॉर्ड आ जाएगा. मरीज को पर्ची के लिए लाइन में नहीं लगना पड़ेगा.