मंडी (सुंदरनगर). उपमंडल मुख्यालयपर सरकाघाट धर्मपुर नेशनल हाईवे पर वनराजी अधिकारी के कार्यलय के नीचे नगर पंचायत सरकाघाट द्वारा उन प्रवासी मजदूरों और बेघर लोगों के लिए एक रैन बसेरे का निर्माण किया प्रस्तावित था.
साल 2006 में जब स्थानीय विधायक रंगीला राम राव आबकारी, कराधान मंत्री, बालविकास, और महिला कल्याण मंत्री थे तो उस वक्त उन्होंने इसके निर्माण के लिए 8 लाख रुपये की राशि मंजूर की थी. क़ुछ समय के बाद निर्माण कार्य भी शुरू हो गया. लेकिन स्वीकृत राशि और भवन के प्रस्तावित प्रारूप के अनुसार कम पड़ गई. 8 दिसम्बर, 2008 को तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रो. प्रेमकुमार धूमल जब संयुक्त कार्यालय भवन का लोकार्पण करने आये तो स्थानीय लोगों की मांग पर उन्होंने इसको पूरा करने के लिए 15 लाख रुपये की स्वीकृति दी.
निर्माण कार्य आरंभ हो गया और इस पर करीब 19.5 लाख की राशि खर्च भी हो गई, लेकिन एक ही मंजिल धरातल पर आधी अधूरी बन पायी. जिस ठेकेदार को निर्माण कार्य को करने का ठेका दिया गया था. उसने कीमतों में वृद्धि के कारण और घाटा पड़ने पर काम करना बंद कर दिया. इस प्रकार एक दशक से निर्माण कार्य आधा अधूरा है.
डस्ट बिन और ठेले रखे हैं
जिससे उन लोगों को कोई लाभ नहीं हुआ. जिनके लिए यह बनाया जा रहा था. वर्तमान में इसके स्लैब पर नगर से उठाए गये डस्ट बिन रखे हैं और पास में वन विभाग द्वारा बड़े-बड़े लकड़ियों के ठेले जमा किये हैं. नगर पंचायत ने एक बार फिर संशोधित प्रारूप तैयार किया और उच्चाधिकारियों को स्वीकृति के लिए भेज दिया. जिसका अभी इंतजार कर रहे हैं.
स्थानीय लोगों रमेश शर्मा, मनोहर लाल, ध्यान सिंह, प्रेमसिंह, हरिराम, भीमसेन, मेघसिंह, रामलाल, नरेश कुमार, बसंत सिंह, ओमप्रकाश शर्मा, धनीराम, बंशीलाल, व्यासदेव, जगदीश चंद्र, नानक पराशर सहित अन्य लोगों ने इसके निर्माण कार्य को शीघ्रता से पूरा करने का अनुरोध किया है.
इस बारे जन नगर पंचायत अध्यक्ष संदीप कौशल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य करने के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं. इसी महीने निर्माण कार्य की टेंडर प्रक्रिया आरम्भ कर दी जाएगी.