श्री रेणुका जी (सिरमौर). तीर्थ श्री रेणुकाजी के खदाल में ग्यारहमुखी हनुमानजी की मूर्ति स्थापना से पहले 6 दिनों का कार्यक्रम हो रहा है. जिसमें शोभायात्रा, सुंदरकांड, विशेष पूजा और भजन कीर्तन के कार्यक्रम से क्षेत्र में माहौल भक्तिमय बना हुआ है. इस दोरान यहां आचार्य शिवप्रसाद शास्त्री ने बताया कि ग्यारहमुखी हनुमान जी की प्रतिमा को स्थापित करने के लिए पहले दिन सैकड़ों किलो अन्न पर मूर्तियॉं रखकर पूजा की गई.
ग्यारहमुखी हनुमान मूर्ति के बारे में आचार्य ने बताया कि इसका वर्णन वाल्मीकि रामायण में मिलता है. मायावी अहिरावण पाताल लोक मे विभिषण का रूप धारण कर श्री राम ओर लक्ष्मण को उठाकर ले जाते हैं. जिसके बाद हनुमान जी राम ओर लक्ष्मण को ढूंढते हुए पाताल लोक पहुंचे. यहां उन्होंने ग्यारहमुखी रूप धारण कर मायावी अहिरावण का वध कर दिया था. बता दें कि रेणुकाजी तीर्थ के खदाल मे श्री हनुमान जी की ग्यारहमुखी मूर्ति इलाके में पहली बार स्थापित की जा रही है. इस मूर्ति को 21 फरवरी को स्थापित किया जाएगा.