शिमला. इस साल गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर की-गोम्पा की झलक दिखेगी. दिल्ली रक्षा मंत्रालय ने लगातार दूसरी बार हिमाचल से झांकी के मॉडल का चयन किया है. पिछली बार जहां तीन साल बाद चंबा का रूमाल ने राजपथ पर हिमाचल का गौरव बढ़ाया था, वहीं इस बार लाहुल स्पीति के की-गोम्पा की झांकी नजर आएगी.
गौरतलब है कि इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर आसियान के 10 राष्ट्रों के राष्ट्राध्यक्ष भी शामिल हो रहे है, जिसमे से 6 देशों में बहुसंख्यक बौद्ध धर्म को मानते हैं.
भाषा कला एवं संस्कृति विभाग की ओर से दो झांकियों के माॅडल प्रदेश की ओर से रक्षा मंत्रालय को सौंपे गए थे. इसमें एक झांकी हिमाचल के नृत्य की थी और दूसरा माॅडल की-गोम्पा का था. रक्षा मंत्रालय द्वारा स्पीति के बुद्धिस्ट मोनेस्ट्री का माॅडल चयन किया है. दिल्ली में हाल ही में आयोजित बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. प्रदेश के लिए काफी अच्छी खबर है क्योंकि पिछले साल तीन साल बाद हिमाचल की झांकी राजपथ पर दिखी थी. राज्य को दिल्ली की परेड में अपनी झांकी प्रदर्शित करने के लिए 6 बार माॅडल के रिजेक्शन का मुंह भी देखना पड़ा है. लेकिन इस बार प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि हिमाचल की झांकी के दर्शन दिल्ली के राजपथ पर होंगे.
16 बार ही परेड में दिख पाई है हिमाचल की झांकी
गणतंत्र दिवस के अवसर पर हर साल 26 जनवरी को नई दिल्ली के इंडिया गोट के राजपथ पर हिमाचल की झांकी 16 बार ही परेड में दिख पाई है. की-गोम्पा….. की-गोम्पा हिमाचल प्रदेष की लाहुल स्पीति जिले में काजा से 12 किलो मीटर की दूरी पर है. इस मठ की स्थापना 13वीं ष्षताब्दी में हुई थी। यह स्पीति क्षेत्र का सबसे बड़ा मठ है. यह मठ दूसरे से लेह में स्थित थिकसे मठ जैसा लगता है.
बताते है कि इसे रिंगछेन संगपो ने बनवाया था. यह मठ महायान बौद्ध के जेलूपा संप्रदाय से संबंधित है. इस मठ पर 19वीं शताब्दी में सिक्खों तथा डोगरा राजाओं ने आक्रमण भी किया था. इसके अलावा यह 1975 ई. में आए भूकम्प में भी सुरक्षित रहा. इसमें में कुछ प्राचीन हस्तलिपियों तथा थंगकस का संग्रह है. इसके अलावा यहां कुछ हथियार भी रखे हुए हैं.
हिमाचल की अब तक राजपथ पर दिखने वाली झांकियां
1987- टाॅय ट्रेन
1988- जंगल में मंगल
1989- स्वास्थ्य के लिए फल
1990- शिमला कांफ्रेस
1993- बर्फ के पुतले
1994- टी गार्डन
1995- साहसिक खेल
1996- सेब बगीचें
1999- कुल्लू दशहरा
2001- ताबों गोम्पा
2003- गददी
2004- मसरूर टैंपल
2005- मिंजर मेला
2007- लाहुल स्पीति गोम्पा
2013- किन्नौर
2017- चंबा -रूमाल