अर्की (सोलन). अर्की उपमंडल के बातलघाटी से शालाघाट तक लोकनिर्माण विभाग द्वारा सड़को को चौड़ा करने के लिए की गई कटाई के मलबे को अवैध रूप से नालों में गिराने के खिलाफ बातल पंचायत के निवासियों ने मोर्चा खोल दिया है. इस संदर्भ में शिकायत पत्र लेकर देवरा-बातल पंचायत के बीडीसी सदस्य राकेश कुमार की अगुवाई में एक प्रतिनिधि मंडल मोहन लाल शर्मा नायब तहसीलदार अर्की से मिला.
सरकारी भूमि और नालों में खपाया जा रहा मलबा
स्थानीय लोगों का कहना है कि ठेकेदारों द्वारा जो कटाई करने के पश्चात मलबा निकल रहा है. उसे सरकारी भूमि व नालों में खपाया जा रहा है. यहां तक कि वन विभाग की नाक के नीचे वन चौकी व नर्सरी लाडे की बाएं के नाले व कॉलेज के पास के नाले में सड़क चौड़ी करने से निकले मलबे को सरेआम गिराया जा रहा है. जिसे प्रशासन मूकदर्शक बना देख रहा है. लाडे की बाएं के पास मलबा फैंकने के कारण बातल पंचायत व बातल ग्राम को प्राकृतिक पेय जल उपलब्ध करवाने वाले प्राकृतिक जलस्रोत को दबने का खतरा हो गया है व जगह-जगह नए उगने वाले पौंधे खत्म होने व बड़े पेड़ सूखने लगे है.
लोकनिर्माण विभाग व वन विभाग तुरन्त कार्रवाई करेगा
स्थानीय लोगों में रोष व्याप्त है कि यदि कोई ग्रामीण अपने भवन निर्माण का मलबा निर्धारित जगह के बजाय सड़क के किनारे फेकता है तो लोकनिर्माण विभाग व वन विभाग तुरन्त कार्रवाई करते हुए भारीभरकम जुर्माना लगा देता है. लेकिन टनों मलबे के कारण हुए नुकसान के बाद भी दोनों विभाग खामोश है.
हालांकि विभाग बावड़ी के बिल्कुल नजदीक एक ओर चेकडैम बनाने लगा है. लेकिन टनों मलबे के आगे यह चेक डेम भी कुछ नहीं है. एक ओर सरकार प्राकृतिक स्रोतों को बचाने के लिए वचनबद्ध है वही दूसरी ओर जिस विभाग को जल, जंगल,पर्यावरण बचाने का जिम्मा दिया गया है.वह सब कुछ देखते हुए भी खामोश है।ग्राम पंचायत बातल पर्यावरण प्रेमी लोगो ने सरकार से मांग की है कि इस मामले की जांच की जाए कि वन भूमि पर मलबा कैसे गिराया जा रहा है.सम्बन्धित विभाग के अधिकारी खामोश क्यों है. इसकी जांच की जाए व उचित कार्रवाई की जाए.