पटना: बिहार में जब से नीतीश कुमार गठबंधन तोड़ भाजपा के साथ मिले हैं तबसे मानो बिहार की राजनीति में भूचाल सा आ गया है. रोज़ दोनों ओर से शब्दभेदी बाण चलाए जा रहे है. इसके अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार आरजेडी के निशाने पर बने हुए है. सोमवार को पटना राजद कार्यालय में एक संवाददाता सम्मलेन आयोजित की गई. जिसमे पत्रकारों को प्लाज्मा टीवी पर 1991 में हुए हत्याकांड में मृतक के भाई का विडियो दिखाया गया.
वीडियो दिखाने के बाद राजद नेताओं ने यह आरोप लगाया कि इस हत्याकांड में नीतीश कुमार के खिलाफ़ प्राथमिकी दर्ज है. नेताओं ने बिहार के मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफ़े की मांग कर डाली.
जगनंदा सिंह ने नीतीश पर हमला बोलते हुए कहा कि महागठबंधन नीतीश कुमार की वजह से टूटा. वो अपराध के सबसे बड़े पोषक हैं. नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद पर बैठने का कोई हक़ नही है. अब बिहार की जनता को सच जानने का हक़ है. महागठबंधन देश को सांप्रदायिक ताकतों से बचाने के लिए हुआ था. लेकिन नीतीश ने इसे तोड़कर भारत को खंडित करने वाली विचारधारा से समझौता किया है.
मोदी जी का मुकाबला करने की क्षमता किसी में नही
वही हाल ही में महागठबंधन तोड़ एनडीए से हाथ मिलाने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री की जमकर तारीफ की. उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला करने की क्षमता किसी में नही है. हम उनके नेतृत्व में 2019 में फिर से सरकार बनाएंगे.
इस्तीफा देने और दुबारा मुख्यमंत्री बनने के बाद नीतीश कुमार पहली बार मीडिया से मुख़ातिब हो रहे थे. उन्होंने कहा कि “अहंकार बहुत बुरी चीज़ है, बहुत अहंकार नही पालना चाहिए. हमने जो निर्णय लिया वो पार्टी की राय पर लिया. मैं अपने काम करने के तरीके से कतई समझौता नही कर सकता.”
उन्होंने कहा की मैं शुरू से ही भ्रष्टाचार के खिलाफ था और जिस तरह भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे थे उससे बदनामी हो रही थी. नीतीश ने तेजस्वी की ओर इशारा करते हुए कहा कि जिनके ऊपर आरोप लगे थे मैंने उन्हें स्पष्टीकरण देने को कहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा नही किया. मेरे पास कोई विकल्प नही था. मैं किसी आरोपों से नही घबराता लेकिन एक परिवार के दबाव में काम करना मुश्किल हो गया था. मैंने इस्तीफ़े को लेकर पार्टी से विचार किया जिसमे सबने सहमति जताई.
आखिर शरद यादव ने तोड़ी चुप्पी
बिहार में बेहद नाटकीय तरीके से स्थिति बदली लेकिन पूरे मामले पर शरद यादव ने चुप्पी साध रखी थी. सोमवार को जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि वह बिहार में बनी जेडीयू-बीजेपी की सरकार से नाखुश हैं. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने महागठबंधन को जनादेश दिया था.
इससे पहले भी यह ख़बर आई थी कि शरद यादव नीतीश के फैसले से नाराज़ है और अब उनके द्वारा दिए गए बयान के कई मायने निकलते हैं. लालू ने भी शरद यादव के तारीफों के पुल बांधे. उन्होंने शरद यादव को सामाजिक लड़ाई का अगुवा बताया. शरद यादव को अपना भाई बताते हुए कहा कि बीजेपी को जड़ से उखाड़ फेकने के लिए शरद यादव की भूमिका महत्वपूर्ण होगी. शरद यादव ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत विपक्षी दलों के कई नेताओं से मुलाकात की.