कुल्लू. लाहौल स्पीति के मरीजों के लिए रोहतांग टनल वरदान साबित हुई है. अब तक 6 मरीजों को इलाज के लिए रोहतांग टनल से कुल्लू भेज गया है. 8.8 किलोमीटर लंबी रोहतांग टनल लाहौल से रेफर मरीजों के लिए लाइफ लाइन बन गई है. बर्शते घाटी के भीतर सड़क यातायात के लिए बहाल रहने की सूरत में मरीज टनल से निकल सकेंगे.
रोहतांग टनल का कार्य अब प्रगति पर
टनल अथाॅरिटी से मिली अनुमति के बाद अब घाटी से रेफर मरीज अब उपचार को कुल्लू पहुंच पाएंगे. घाटी से अब तक छह रेफर मरीजों को टनल से होकर भेजा गया है. खासकर बर्फबारी के दिनों बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को जूझने वाले लाहौल घाटी के लोगों ने अब राहत मिलेगी. जिला प्रशासन की इस सिफारिश को घाटी के लोगों ने काफी सराहा है. रोहतांग टनल का कार्य अब प्रगति पर है. लेकिन दोनों छोर मिल जाने से लाहौल के मरीजों के लिए यह अभी से किसी लाइफ लाइन से कम नहीं है.
वहीं, घाटी में तैनात सीमा सड़क संगठन ने टनल के नॉर्थ पोर्टल तक सड़क मार्ग को यातायात के लिए बहाल रखे हुए हैं. बीआरओ के अधिकारियों का कहना है कि सिस्सू तक मार्ग यातायात के लिए बहाल रखने से जहां क्षेत्र के लोगों को आवाजाही में वाहन सुविधा मिलेगी. वहीं मरीजों को भी टनल से बाहर ले जाने में आसानी होगी। एसडीएम केलांग कुलवीर सिंह राणा ने बताया कि अब तक घाटी से छह रेफर मरीजों को टनल के रास्ते बाहर निकाले जा चुके हैं.