सोलन. भगत सिंह फोर्स ट्रस्ट से जुड़े आरटीआई कार्यकर्ता प्रेम सिंह टंगणियां ने आरोप लगाया कि उनके द्वारा आरटीआई में खुलासा किया गया था कि शहर में तहसील कार्यालय के अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध रूप से रजिस्ट्रियां की गई है लेकिन खुलासा होने के बाद भी सम्बन्धित अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है. बल्कि जांच टाला जा रहा है और आरोपियों को बचाने की कोशिश की जा रही है.
टंगणियां का आरोप है कि शहर के तीन अपार्टमेंट में बेचे गए कुल 13 फ्लैट की जानकारी जुटाई गई थी. इन फ्लैट को टीसीपी और नप की एनओसी लिये बिना ही सिर्फ शपथ पत्र के आधार पर बेच दिया गया.
उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत उन्होंने वर्ष 2016 में कर दी थी. उसके बाद टीसीपी के माध्यम से जिला प्रशासन को मामले की जांच के निर्देश मिले हैं जिसमें उपायुक्त ने तहसीलदार, सोलन को मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा. इस मामले में अब तक तीन बार रिमांइडर जिला प्रशासन की ओर से तहसीलदार को भेजे जा चुके हैं. लेकिन रिमाइंडर के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि जिन 13 फ्लैट का पंजीकरण हुआ है उनमें नियम पूरे नहीं किए गये हैं. उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि सोलन में अवैध रूप से बनने के बाद बिक्री हो रहे फ्लैट पर नियम कानून सख्ती से लागू किए जाएं, जिन फ्लैटों को अनैतिक रूप से बेचा है उन पर कार्रवाई अमल में लाई जाए.
टंगणियां ने कहा कि सोलन में बढ़ते अवैध निर्माण को देखते हुए टीसीपी निदेशालय ने बिल्डरों पर शिकंजा कसते हुए फ्लैट बेचने से पहले निदेशालय कार्यालय से कंपलिशन एंड ऑक्युपेशन सर्टीफिकेट लेना जरूरी किया है. बावजूद इसके बिल्डर विभागीय आदेश को दरकिनार कर राजस्व विभाग में फ्लैट्स की रजिस्ट्री करवा रहे हैं. सोलन में बड़ी संख्या में बिल्डरों ने अपार्टमेंट व कॉटेज का निर्माण किया है. जिनमें रजिस्ट्री में नियमों की अनदेखी की गई.