शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र धर्मशाला में चल रहा है. शीतकालीन सत्र के चौथे दिन भी भाजपा के विधायकों का अजब-गजब प्रदर्शन देखने के लिए मिला. विधायकों ने बेरोजगारों की आवाज विधानसभा परिसर में उठाई.
लगातार चौथे दिन प्रदर्शन जारी
उन्होंने कहा कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने पहली ही कैबिनेट बैठक में एक लाख सरकारी रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन यह वादा पूरा नहीं हुआ है. इसके विरोध स्वरूप बीजेपी विधायकों ने प्रतीकात्मक तौर पर अपनी डिग्रियां जला दीं. हालांकि, यह डिग्री ओरिजिनल नहीं थी, लेकिन बीजेपी ने विरोध दर्ज करवाने के लिए प्रदर्शन का यह अनोखा तरीका अपनाया.
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने जनता के साथ धोखा किया है. युवाओं से कहा गया था कि सत्ता में आने के बाद पांच लाख रोजगार दिए जाएंगे. पहले ही कैबिनेट में एक लाख सरकारी रोजगार देने का वादा किया गया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि युवाओं के साथ सरासर धोखा हो रहा है.
आज प्रदेश का युवा सोच रहा है कि उसकी डिग्री का आखिर काम क्या है? जब उसे रोजगार ही नहीं मिल रहा. ठाकुर ने कहा कि एक साल के कार्यकाल गुजर जाने के बाद भी युवाओं को रोजगार नहीं मिला है. इससे उलट कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के बाद आउटसोर्स कर्मचारी को नौकरी से निकाल दिया.
सीएम सुक्खू ने अपने चहेतों को नियुक्ति दी- जयराम
जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार में सिर्फ उनके चाहतों को ही नौकरी मिली है. मुख्यमंत्री ने उन्हें एडवाइजर, ओएसडी और मुख्य संसदीय सचिवों के तौर पर नियुक्ति दी.
प्रदेश के बेरोजगार युवा लगातार परेशान हो रहे हैं. हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या 10 लाख के पार है. यह सभी बेरोजगार युवा नौकरी का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस नौकरी देने की बजाय नौकरी छीनने का काम कर रही है. बीजेपी विधायकों के इस विरोध के दौरान कांग्रेस विधायक भी प्रदर्शन पर उतर आए और साल 2014 से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादों को लेकर बीजेपी विधायकों से सवाल किया.