राजसमंद लव-जिहाद केस झकझोरने वाला है. जिन्होंने भी यह वीडियो देखा वो कांप गए, जिन्होंने पूरा मामला जाना वो परेशान हैं. जिन्होंने नहीं देखा उनसे अपील कि कृपया इस वीडियो को न तो देखें, न ही शेयर करें.
हत्याएं समाज के लिए नई तो नहीं हैं मगर जिस जघन्यतम तरीके से राजसमंद में अफराजुल की हत्या की गई, उससे साफ है कि आरोपी शंभूलाल बेहद विकृत मानसिकता वाला आदमी है. कुछ तर्क हैं कि गुस्से में वह जानवर हो गया.
मगर ठहरिए जरा, यह भी सोचिए कि गुस्से में हत्या करना मगर बेहद सोचे-समझे तरीके से उसका वीडियो बनवाना और फिर अंत में लव-जिहाद के खिलाफ संदेश देना…यह इशारा करता है कि आरोपी बेहद शातिर दिमाग है. उसने अपने बदले में मौजूदा हालात का पूरा लाभ लेने की कोशिश की है. अपनी अदावत को उसने लव-जिहाद का नाम देकर मुट्ठीभर कट्टर लोगों का समर्थन हासिल करने की कोशिश की है.
ऐसा कह कर वह अपने बचने का रास्ता खोज रहा है. उसे लगता हो कि ऐसा कहकर वह धर्म के ठेकेदारों का हीरो बन जाएगा, उसको बचाने की पूरी कोशिश की जाएगी. वह नेशनल एजेंडा बन जाएगा. हालांकि सभ्य समाज को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसकी यह कोशिश कामयाब न होने पाए.
हाल ही में फिल्म पद्मावती को लेकर उपजे विवाद में भी राजस्थान में एक ऐसा ही मामला दिखा था. जब नाहरगढ़ किले की दीवार से एक आदमी को मारकर फांसी से लटका दिया गया था. पास के पत्थरों पर पद्मावती के विरोध में कुछ बातें लिखीं थीं. फिलहाल पुलिस भी मान रही है कि हत्यारे ने जांच को भटकाने के लिए फिल्म का नाम लिया था.
खाप पंचायत और लव जिहाद जैसे शब्दों के पीछे हत्या
लाल शर्ट पहने हुए माथे पर चंदन घिसे हुए उस इंसान को इंसान कहना क्या उचित होगा. कोई कहेगा कि वह पागल है, कोई कहेगा वह धर्म का ठेकेदार है आदि, पर कहना गलत नहीं होगा कि वह कट्टरवाद का चादर ओढ़े हर उस इंसान का प्रतिरूप है. जो खाप पंचायत और लव जिहाद जैसे शब्दों के पीछे हत्या करने को उकसाता है. यह देश न जाने कितने दंगो का दर्द झेल चुका है. सबके पीछे ऐसे ही सोच रखने वाले दरिंदे होते हैं जो समाज के ठेकेदार बनने का दावा करते हैं. उन्हें यह हक किसने दिया?
गुड्डू उर्फ अफराजुल की चीखें
राजस्थान के राजसमंद में इस घटना को अंजाम दिया गया. बेशक शंभूलाल को गिरफ्तार कर लिया गया. राज्य सरकार ने एसआईटी बैठा दी है लेकिन पश्चिम बंगाल के मालदा से आए मजदूर गुड्डू उर्फ अफराजुल की चीखें हमें कई दिनों तक सुनाई देती रहेंगी. हमें यह यकीन दिलाना पड़ेगा कि क्या हम भी इसी दुनिया में रहते हैं जहां किसी इंसान को जिंदा जला दिया जाता है.
कलेक्टर दफ्तर से महज थोड़ी दूरी पर वारदात
इस जघन्य हत्या के पीछे की कहानी दरअसल दो लोगों की रकाबत की है. कहानी इसलिए कि जो पता चला है वह अधूरी और सुनी-सुनाई है, इसके पीछे की वास्तविक और पूरी कहानी तो जांच के बाद ही सामने आ सकती है. राजस्थान के राजसमंद शहर में कलेक्टर दफ्तर से महज थोड़ी दूरी पर ही यह ‘रेयर ऑफ रेयरेस्ट’ अपराध हुआ है. पुलिस ने कातिल सहित 8 लोगों को हिरासत में ले लिया है.
बड़े-छोटे की लड़ाई का कारण है दर्दनाक घटना
दर्दनाक घटना की वजह दरअसल छोटे-बड़े की लड़ाई है. एक लड़की जो पिछले कई साल से आरोपी शंभूलाल के साथ रह रही थी. उसे छोड़कर मजदूरी करने वाले गुड्डू के पास चली गई. यह ठेकेदारी करने वाले शंभूलाल या शंभू दयाल को नागवार गुजरी. उसके बाद वह हैवान बन गया. उसने इस पूरे प्रकरण को लव जिहाद के साथ जोड़ कर निकल पड़ा एक ऐसा गुनाह करने के लिए जिसकी जितनी निंदा की जाए कम है. उसने बेरहमी से अपने कुछ साथियों के साथ मिल कर उस मजदूर को दर्दनाक मौत दे दी. जिसका वीडियो देख आज पूरी दुनिया की रूह कांप गई है.
कई प्रश्न फिर जिंदा हो गए
हत्यारे ने गुड्डू को जिंदा जलाने के बाद लड़कियों को लव जिहादियों से दूर रहने को भी कह रहा है. अपने आप को रोल मॉडल की तरह पेश करना चाह रहा है. कातिल ने तीन पेज की एक चिट्ठी भी लिखी है. जिसमें उसने लिखा है कि मृतक ने ही इलाके कि 2 लड़कियों को भगाया है. खैर इस बात की पुष्टि नहीं हुई है. इस घटना के बाद कई लोग गांव से फरार चल रहे हैं. भागने वालों में कातिल के समर्थक भी हैं और बेचारे मजदूर तो है हीं. इस घटना ने कई प्रश्न को फिर से जिंदा कर दिया है कि जब दुनिया विकास के नए-नए मॉडल पेश कर रही है तो क्या हम लव जिहाद जैसे संकीर्ण सोच में ही उलझे रहेंगे.
बहरहाल, आरोपी अब गिरफ्तार हो चुका है और उसके खिलाफ जांच विशेष इकाई कर रही है. राजस्थान सरकार और स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि आरोपी और उसके साथियों के खिलाफ सिर्फ हत्या ही नहीं बल्कि धार्मिक भावनाएं भड़काने और देश को बांटने की कोशिश जैसे अपराध का भी केस चलना चाहिए. उसे इतनी कड़ी सजा मिलनी चाहिए जो नजीर बन जाए. जिसका उदाहरण दिया जाए कि धर्म या धार्मिक उन्माद की आड़ लेकर कोई भी बच नहीं सकता.