शिमला. ‘शिमला शास्त्रीय संगीत उत्सव’ का आयोजन दिनांक 4 से 8 अक्तूबर तक शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर के एमपीसीसी हाॅल में किया जा रहा है. पांच दिवसीय शास्त्रीय संगीत उत्सव का शुभारम्भ एवं उद्घाटन 4 अक्तूबर को कार्यक्रम में पधारे मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल डी. आर. सोनी (विशिष्ट सेवा मैडल) जनरल आफिसर कमांडिंग इन चीफ आरट्रैक, आर्मी ट्रेनिंग कमाण्ड, शिमला एवं प्रेज़िडैंट एम्यूचर ड्रामैटिक क्लब शिमला ने ज्योति प्रज्ज्वलित कर किया. गुरुवार की शाम 6 बजे उस्ताद सुजात खान सितार वादन प्रस्तुत करेंगे.
राशिद खान की गायकी से झूमे श्रोता
उत्सव के पहले दिन उस्ताद राशिद खान ने अपनी गायकी से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया. कार्यक्रम का आरम्भ उन्होंने राग मारवा से किया. जिसकी बंदिश ‘पियो मोरे अन्नत देश गिईबो, गुरु बिन ज्ञान नहीं पावे’ रही. इसके बाद उन्होंने कई राग सुनाकर श्रोताओं से खूब तालियां बटोरीं. इनके साथ तबला पर शुभांकर बैनर्जी, सारंगी पर उस्ताद मुराद अली खान, हारमोनियम पर डाॅ. विनय मिश्रा ने संगत की.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के बदायुं में जन्मे उस्ताद राशिद खान ने बहुत छोटी उम्र से ही अपने नाना उस्ताद निस्सार हुसैन खान, जो कि बहुत गुणी गायक थे, से गायकी सीखनी आरम्भ कर दी थी.
उस्ताद राशिद खान का मानना है कि किसी महान गायक की आवाज व गायन की नकल करके गायकी नहीं सीखी जा सकती है बल्कि इसके लिए अथक परिश्रम और निरन्तर रियाज करना पड़ता है.
उन्होंने कहा, “अगर संगीत के क्षेत्र में आगे बढ़ना है तो घराने से आगे जाना होगा, यद्यपि गीत व संगीत का मूल आधार तो घराना ही है लेकिन अपने संगीत को प्रसिद्ध बनाने के लिए बाहर के गीत-संगीत से भी कुछ लेना पड़ता है.”
चार सालों से चल रहा है ‘शिमला शास्त्रीय संगीत उत्सव’
भाषा एवं संस्कृति विभाग, साहित्य एवं संस्कृति की अनेकों विधाओं पर बहुविध कार्यक्रम आयोजित करता है. गत चार वर्षों से विभाग द्वारा शिमला में ‘शिमला शास्त्रीय संगीत उत्सव’ शीर्षक से कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिसमें संगीत व वादन के क्षेत्र में महारत रखने वाले राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकारों को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए आमंत्रित किया जाता है. पांच दिवसीय इस उत्सव में देश भर से आमंत्रित किए गए सुप्रसिद्ध संगीत गायकों व संगीत वादकों द्वारा अपने गायन व वादन की स्वलहरियों से संगीत रसिकों का मनोरंजन किया जाएगा.
रूपाली ठाकुर ने किया स्वागत
रूपाली ठाकुर, निदेशक, भाषा एवं संस्कृति ने मुख्य अतिथि तथा अन्य अतिथियों का स्वागत किया तथा इस उत्सव व विभागीय गतिविधियों की जानकारी दी. इस अवसर पर आर. के. कोरला, संयुक्त निदेशक, भाषा एवं संस्कृति, बालकृष्ण शर्मा, उप निदेशक, भीम सिंह चैहान, सहायक निदेशक, देवेन्द्र शर्मा, तकनीकी सहायक तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।