नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 67वें जन्म दिन के अवसर पर सरदार सरोवर बांध का उद्घाटन किया. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी समेत कई मुख्य लोग मौजूद रहे.
ख़राब मौसम के चलते पीएम मोदी के हेलिकॉप्टर को दभोई में ही लैंड करना पड़ा. इसके कारण नरेंद्र मोदी को सड़क के रास्ते से केवड़िया जाना पड़ा. बता दें कि इस बांध की नीव 56 साल पहले देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने रखी थी. सरदार सरोवर बाँध देश का सबसे ऊंचा बांध है. इस परियोजना से प्रतिवर्ष 100 करोड़ यूनिट बिजली पैदा होगी.
वहीं इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सालगिरह पर हर साल की तरह अपने घर गांधीनगर पहुंचे, जहाँ उन्होने अपनी मां से आशीर्वाद लिया.
जल सत्याग्रह जारी
सामजिक कार्यकर्ता मेघा पाटकर मध्य प्रदेश के छोटा बड़दा गाँव के घाट पर अपने सहयोगियों के साथ जल सत्याग्रह कर रही हैं. मेघा पाटकर ने कहा कि जल समाधि ले लेंगे, लेकिन जगह ख़ाली नहीं करेंगे. उन्होंने कहा “यह आधी अधूरी योजना है और फ़र्ज़ी लोकार्पण है.”
मेघा पाटकर के साथ 30 अन्य महिलाओं समेत गाँव के लोग जल सत्याग्रह कर रहे हैं. ये लोग शुक्रवार से ही पानी में बैठ जल सत्याग्रह जारी रखे हुए हैं. गाँव वालों के मुताबिक बेहतर पुनर्वास किए बिना सरदार सरोवर बाँध की ऊँचाई बढ़ाने से बड़ी संख्या में लोग विस्थापित होंगे.
मालूम हो कि सरदार सरोवर का जल स्तर बढ़ाने से मध्य प्रदेश की नर्मदा घाटी स्थित सैंकड़ों गांवों के डूब जाने का अंदेशा है. जलस्तर धीरे-धीरे बढ़ रहा है और कई गाँव पानी से घिर गए हैं. लेकिन गाँव में रह रहे लोग अब भी घर छोड़ने को तैयार नहीं हैं.