नाहन. यमुना नदी की बाढ़ में फंसे आधा दर्जन लोगों को बाहर निकाल लिया गया है. बिना सूचना के रेणुकाजी में स्थित जटौण डैम से पानी छोड़ने सेे लोग पानी में फंस गए थे.
पांवटा साहिब के रामपुरघाट में आज शाम को अचानक यमुना नदी का जल स्तर बढ़ गया. जिससे यमुना किनारे काम कर रहे आधा दर्जन लोग अचानक आई बाढ़ में फंस गए. गनीमत यह रही कि बाढ़ में फंसे सभी लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया. बताया जा रहा है कि यमुना नदी में बाढ़ जटौण डैम से पानी छोड़ने के कारण आई थी. हैरानी की बात यह है कि डैम से पानी छोड़ने से पहले स्थानीय प्रशासन को कोई सूचना नहीं दी गई थी.
यमुना में अचानक बाढ़ के मामले में श्री रेणुकाजी में स्थित जटौण डैम प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. बाढ के पीछे जटौण डैम से पानी छोड़े जाना कारण बताया जा रहा है. हैरानी की बात यह है कि जटौण डैम से पानी छोड़े प्रशासन को कोई सूचना नहीं दी गई थी. जिससे आधा दर्जन लोगों की जान आफत में फंस गई थी. समय रहते प्रशासन और हिमाचल यूथ ब्रिगेड के कार्यकर्ता मौके पर नहीं पहुंचते तो कोई भी बड़ा हादसा हो सकता था.
सूचना मिलते ही पुलिस व हिमाचल यूथ ब्रिगेड के लोग मौके पर पहुंचे और स्थानीय गोताखोरों की मदद बाढ़ में फंसे सभी लोगों को बचा लिया. बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए रस्से के सहारे मानव श्रृंखला बनाई गई और जान बचाने के लिए ट्रैक्टर पर चढ़े लोगों को बचा लिया गया. इस काम में सामाजिक संस्था यूथ ब्रिगेड और लोकल गोताखोरों ने अपनी जान की परवाह किये बिना आधा दर्जन लोगों की जान बचाई.
इस मामले में स्थानीय प्रशासन की लापरवाही भी सामने आई है. इस क्षेत्र में यमुना और गिरी नदी का संगम है और यहां बरसात के मौसम में अक्सर बाढ़ आती रहती है. यहां दिन-रात अवैध खनन भी होता है, बावजूद यहां लोगों को टापू पर जाने से रोकने के लिए कोई इंतजाम नहीं है. बताया जा रहा है कि बाढ़ में फंसे लोग भी यहां लकड़ियां चुनने और पत्थर भरने के लिए गए थे. बाढ़ में फंसे सभी लोग प्रवासी श्रमिक थे, जिनमे एक 14 साल की लड़की भी शामिल है. बताया जा रहा है कि वहां कुछ और लोग भी थे जो बढ़ता जलस्तर देख समय रहते किनारे पर आने में कामयाब हो गए थे.