नई दिल्ली: शराब घोटाला मामले में मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से जमानत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि इस मामले में 338 करोड़ रुपये की मनी ट्रेल अस्थायी रूप से साबित हुई हो गई है. साथ ही कहा कि 6 से 8 महीने में ट्रायल पूरा हो.
सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एस. वी. एन भट्टी की पीठ ने यह फैसला सुनाया है. पीठ ने दोनों याचिकाओं पर 17 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने 17 अक्टूबर को ईडी से कहा था कि अगर दिल्ली आबकारी नीति में बदलाव के लिए कथित तौर पर दी गई रिश्वत ‘अपराध से आय’ का हिस्सा नहीं है, तो संघीय एजेंसी के लिए सिसोदिया के खिलाफ धनशोधन का आरोप साबित करना कठिन होगा.
फिलहाल जमानत नहीं दी जा सकती- SC
जस्टिस संजीव खन्ना और एस वी एन भट्टी की बेंच ने अपने आदेश में कहा कि उन्होंने सुनवाई के दौरान कई कानूनी सवाल पूछे थे. जांच एजेंसी के वकील उनका संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए, लेकिन वह लगभग 338 करोड़ रुपए के लेनदेन को स्थापित कर पा रहे हैं इसलिए, याचिकाकर्ता को फिलहाल जमानत नहीं दी जा सकती.
कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसी ने 6 से 8 महीने में निचली अदालत में मुकदमा खत्म होने की बात कही है. अगर 6 महीने में मुकदमा खत्म नहीं होता या उसकी रफ्तार धीमी रहती है, तो मनीष सिसोदिया फिर से जमानत का आवेदन दे सकते हैं