नई दिल्ली. किसानों की आय दोगुनी हो इसके लिए सात सूत्रीय फार्मूले के साथ रणनीति बनाकर कृषि मंत्रालय काम कर रहा है. यह जानकारी सोमवार को “कृषि 2022- डबलिंग फार्मर्स इनकम” पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने दी.
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा सरकार किसानों की आय बढ़ाने के हर संभव प्रयास कर रही है. यही वजह है कि वर्ष 2018-19 के लिए कृषि एवं किसान कल्याण के बजटीय आवंटन को पिछले वर्ष यानि 2017-18 के 51,576 करोड़ से बढ़ा कर 2018-19 में 58,080 करोड़ करते हुए, सरकार ने किसानों की आय दोगुना करने के लिए निर्धारित ‘सात सूत्रीय’ रणनीति के प्रत्येक सूत्र के लिए प्रचुर धन राशि की उपलब्धता सुनिश्चित की है.
यह बजट किसानों को उनकी उपज का सही दाम दिलवाने के उद्देश्य से कृषि मंडियों के लिए नए सुधारों की शुरूआत करता है. इस बजट में 2000 करोड़ रुपये के Agri-Market Development Fund की घोषणा की गई है जो कि कृषि विपणन में खुदरा बाजार (Retail Market) के महत्व को दर्शाता है. इन बाजारों को GRAM (Gramin Retail Agriculture Market) का नाम दिया गया है. इसके माध्यम से 22,000 ग्रामीण हाट एवं 585 APMC मंडियों की आधारभूत संरचना का विकास हो सकेगा.
उन्होंने कहा कि प्रधानमत्री के वायदे के मुताबिक 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की वृहद योजना को अमली जामा पहनाने का काम सरकार ने अप्रैल 2016 से ही एक समिति के गठन से शुरू कर दिया था, जिसमे वरिष्ठ अर्थशास्त्री, भारत सरकार के खाद्य प्रसंकरण, फसल, पशु पालन एवं डेरी तथा नीति प्रभागो के संयुक्त सचिव, नीति आयोग के कृषि सलाहकार एवं कई अन्य गैर सरकारी सदस्य को शामिल किया गया.
सरकार चाहती है कि कृषि नीति एवं कार्यक्रमों को ‘उत्पादन केंद्रित’ के बजाय ‘आय केंद्रित’ बनाया जाए. इस महत्वाकांक्षी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए सरकार द्वारा माननीय प्रधानमंत्री द्वारा सुझाए ‘बहु-आयामी सात सूत्रीय’ रणनीति को अपनाने पर बल दिया गया, जिसमे शामिल हैं-
1- ‘’प्रति बूंद अधिक फसल’’ के सिद्धांत पर पर्याप्त संसाधनों के साथ सिंचाई पर विशेष बल.
2- ‘प्रत्येक खेत की मिटटी गुणवत्ता के अनुसार गुणवान बीज एवं पोषक तत्वों का प्रावधान.
3-कटाई के बाद फसल नुक्सान को रोकने के लिए गोदामों और कोल्डचेन में बड़ा निवेश.
4-खाद्य प्रसंस्करण के माध्यम से मूल्य संवर्धन को प्रोत्साहन.
5-राष्ट्रीय कृषि बाज़ार का क्रियान्वन एवं सभी 585 केन्द्रों पर कमियों को दूर करते हुए ई – प्लेटफार्म की शुरुआत.
6-जोखिम को कम करने के लिए कम कीमत पर फसल बीमा योजना की शुरुआत.
7-डेयरी-पशुपालन, मुर्गी-पालन, मधुमक्खी –पालन, मेढ़ पर पेड़, बागवानी व मछली पालन जैसी सहायक गतिविधियों को बढ़ावा देना.