नई दिल्ली. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने वीरवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी से मुलाकात की. बताया जा रहा है कि यह मुलाकात हिमाचल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू को बदलने को लेकर की गई. जिसका फैसला पार्टी राहुल गाँधी के दौरे के बाद कर सकती है.
पार्टी सूत्रों के अनुसार अब यह मामला केवल राहुल गाँधी पर निर्भर करता है कि वह इसे किस तरह से निपटाते हैं. मालूम हो कि एक महीने पहले भी वीरभद्र सिंह की तरफ से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को हटाने की बात कही गई थी, जिसे राहुल गाँधी ने ठुकरा दिया था. अब राहुल इस मामले पर क्या फैसला लेते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा. सूत्रों के मुताबिक जब से हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष ने सीएम वीरभद्र सिंह के ख़िलाफ़ बयानबाज़ी की तबसे वीरभद्र सिंह उन्हें हटाना चाहते हैं. इसके लिए इससे पहले उन्होंने इस बार के चुनाव से खुद को दूर रखने की भी बात कह डाली थी.
वहीं विधायक इस बात से भयभीत हैं कि कहीं वीरभद्र सिंह के बिना चुनावी मैदान में न उतरना पड़े. क्योंकि ज़्यादातर विधायक वीरभद्र के साथ हैं. वहीं ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की पंजाब प्रभारी आशा कुमारी ने कहा कि अगर यह चुनाव वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में नहीं लड़ा जाता है तो यह हर उम्मीदवार की खुद की लड़ाई होगी. फिर हम कांग्रेस के टिकट पर एक स्वतंत्र उम्मीदवार की तरह चुनाव लड़ते हुए नज़र आएँगे.
आशा कुमारी ने कहा कि पार्टी सूत्रों के मुताबिक हिमाचल के विधायक भी चाहते हैं कि वह वीरभद्र के नेतृत्व में चुनाव लड़ें, क्योकि उन्हें लगता है कि वीरभद्र के साथ ही पार्टी दुबारा सत्ता में आ सकती है. उन्होंने कहा कि भाजपा अंदरूनी लड़ाई से जूझ रही है. उन्होंने कहा “हमें इंतज़ार है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह बीजेपी की तरफ़ से मुख्यमंत्री पद के लिए जेपी नड्डा का नाम घोषित करें. ऐसा होते ही प्रेम कुमार धूमल कांग्रेस को वापस आने में पूरी मदद करेंगे.”
मोदी के जवाब में राहुल का दौरा
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 अक्टूबर को एम्स का शिलान्यास करने हिमाचल प्रदेश जाएंगे. जिससे हिमाचल की राजनीति में सरगर्मी और बढ़ गई है. कांग्रेस पार्टी भी चुनाव के लिए अब कोई रिस्क नहीं लेना चाहती. इसी लिए नरेंद्र मोदी के दौरे को नज़र में रखते हुए राहुल गाँधी भी हिमाचल दौरे पर आएँगे.
मालूम हो कि राहुल गाँधी का हिमाचल दौरा 7 अक्टूबर को निश्चित हो गया है. निश्चित तौर पर उनका यह दौरा बीजेपी के जवाब में होगा. क्योकि अब चुनाव में महज़ कुछ दिन ही बचे हैं. ऐसे समय में कांग्रेस पार्टी कोई भी चूक करने से परहेज़ करेगी.