कांगड़ा (इन्दौर). हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी शाहनहर परियोजना जिसका निर्माण करोड़ों रुपये की लागत से हुआ है. इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को समय-समय पर पानी देना, ताकि पानी लगाकर अच्छी फसल निकाल सके.
मंड क्षेत्र में शाहनहर विभाग इसके उलट कार्य करता नजर आता है. कुछ दिन पहले भी बिना सूचना दिए नहर से पानी को छोड़कर गगवाल गांव में लगभग 15 से 20 एकड़ धान की फसल को बर्बाद कर दिया था. कनक की फसल में पानी छोड़कर फसलों को बर्बाद कर दिया था. उन खेतों में पानी सूखा नहीं था.
जरूरत पर एक बूंद पानी नहीं आता
जब फसल को पानी की जरूरत होती है तो एक बूंद भी पानी नहर में नहीं आता है. अगर पानी आता भी है तो पंजाब क्षेत्र में पड़ती के लोग पानी नहीं आने देते हैं. जब पानी की जरूरत नहीं होती तो विभाग बिन बताए नहर में पानी को छोड़कर पकी हुई या नई फसलों में पानी छोड़कर फसल को नष्ट करने में कोई कसर नहीं नही छोड़ रहा है.
5 एकड़ फसल को जलमग्न कर दिया
आज ठाकुरद्वारा विभाग ने पानी छोड़कर पकी हुई धान की फसल में पानी लगभग 5 एकड़ फसल को जलमग्न कर दिया. किसान विशाल ठाकुर ने बताया के कई बार पहले भी ऐसा हो चुका है. विभाग को बार-बार सूचित करने पर भी पानी बंद नहीं हुआ है.
नहरें ब्लाक हो गई है
फसल में पानी भर जाने से अब उसकी कटाई ना तो आदमियों द्वारा ओर ना ही कंबाइन मशीन से संभव है. दूसरी ओर फसल पकी होने के चलते उसको पशु ओर अन्य जंगली जीव जंतु और पक्षी बर्बाद कर रहे हैं. आखिर विभाग कब इस ओर ध्यान देगा. इस कार्यप्रणली से सभी किसान रोष प्रकट कर रहे हैं. अतरिक्त स्टाफ होने पर भी नहरों की साफ सफाई नहीं की जा रही है. विभाग की अनदेखी के चलते नहरे ब्लाक हो गई है.
एसडीओ कभी नहीं मिलता
उन्होंने कहा कि अगर शिकायत लेकर सब डिवीजन शाहनहर ठाकुरद्वारा में जाते है तो वहां पर तैनात एसडीओ कभी भी नहीं मिलता है. कभी कभार ही आता है और शिकायत भी किसको दे सब डिवीजन तो मात्र सरकारी कागजों में ही है. जिसके चलते किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
उन्होंने सरकार और विभाग को चतावनी दी है. जल्द विभाग पानी बन्द करवाए अगर विभाग बिना बताए नहर में पानी छोड़ता है तो बर्बाद हुई फसल की भरपाई विभाग से की कार्रवाई जाएगी.