शिमला. राजधानी शिमला का सबसे दुर्गम और दूर दराज का मतदान केंद्र पंडार एक ऐसा गांव जहां पहुंचने के लिए ही 14 किलोमीटर पैदल चढ़ाई करनी पड़ती है. चुनाव आयोग के पांच कर्मचारियों को 107 मतदाताओं के लिए मतदान केंद्र बनाने का जिम्मा सौंपा गया है, जिन्हें मशीनें पीठ पर लादकर वहां तक पहुंचना है.
यहां पहुंचने के लिए चुनाव अधिकारियों को कड़ी परीक्षा देनी होगी. रोहड़ु से छह घंटे के सफर के बाद सभी जैसे ही कार से उतरेंगे, उसके बाद इनके सामने 14 किमी की चढ़ाई पार कर पंडार मतदान केंद्र पहुंचने की चुनौती होगी. पंडार गांव एक ऐसा गांव है जहां इस बार प्रत्याशी भी वोट मांगने नहीं पहुंच पाए. करीब चार घंटे के थका देने वाले पैदल सफर के बाद आज शाम तक चुनाव अधिकारी यहां पहुंच जाएंगे. यह मतदान केंद्र शिमला का सबसे दूरस्थ मतदान केंद्र हैं.
शिमला ग्रामीण में क्यालू पहुंचना भी होगा चुनौती
शिमला ग्रामीण विधानसभा सीट के तहत आने वाले जलोग के क्यालू मतदान केंद्र तक पहुंचना भी चुनाव अधिकारियों के लिए आसान नहीं होगा. निर्वाचन अधिकारी भूपेंद्र अत्री के अनुसार यह केंद्र सड़क से 8 किलोमीटर की दूरी पर है. पैदल ही कर्मचारियों को मतदान केंद्र पहुंचना होगा. जिला में ऐसे कई केंद्र बनाए गए हैं जहां पहुंचना टेढ़ी खीर साबित होने वाला है. हालांकि सबको मतदान की सुविधा मिले, इसके लिए पुख्ता प्रबंध किए गए है. अब देखना होगा कि नौ नवंबर को होने वाले मतदान में कितने लोग वोट डालने पहुंचते है.