नई दिल्ली. मंगलवार को पूरे देश में बड़े हर्षोल्लास से शिवरात्रि मनाया जा रहा है. ऐसा मना जाता है कि शिवरात्रि के दिन ही शिव जी का माता पार्वती के साथ विवाह हुआ था. इस दिन श्रद्धालुओं की मंदिर में लाइन लगी रहती है. इसके साथ ही श्रद्धालु व्रत भी रखते हैं. शिव भगत इस दिन भगवान शिव को बेलपत्र धतूरा और दूध से पूजा करते हैं.
खास कर आज के दिन बारह ज्योतिर्लिंग पर विशेष पूजा अर्चना की जाती है. महाशिवरात्रि पर शिव भगत भगवान शिव का अभिषेक जल और दूध से करते हैं.
कई जगह पर शिवरात्रि मंगलवार को मनाई जा रही है और कुछ जगहों पर बुधवार को मनाई जाएगी. वैसे सरकारी छुट्टी बुधवार को है. कई पंडितों का मनाना है कि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का कल्याणकारी व्रत किया जाता है. इस व्रत में निशीथ व्यापिनी चतुर्दशी होना आवश्यक है. इसलिए अद्र्धरात्रि से युक्त चतुर्दशी ही वास्तविक शिवरात्रि है. यदि चतुर्दशी निशीथ काल को आंशिक रूप से स्पर्श करे और पहले दिन संपूर्ण भाग को स्पर्श कर रही हो तो यह व्रत पहले दिन ही करना चाहिए. इसलिए मंगलवार को महाशिवरात्रि मनाई जाएगी.
गंगा स्नान का भी विशेष महत्व
इस दिन प्रयाग काशी में गंगा स्नान का भी विशेष महत्व होता है. कोई व्यक्ति अगर निराहार रहकर रात्रि के चारो प्रहर शिव पूजन करता है, उसे भगवान शंकर अतिप्रसन्न होते हैं. कहा गया है कि महाशिवरात्रि के बराबर कोई पापनाशक व्रत नहीं है. इस व्रत को करके व्यक्ति अपने सभी पापों से छूट जाता है और अनंत फल प्राप्त करता है