हिमाचल. सिरमौर के समुद्र तल से 11965 फीट की ऊंचाई पर स्थित धार्मिक पर्यटन स्थल चूड़धार रोपवे से जुड़ेगा. चूड़धार शिरगुल देवता की तपोस्थली है. सिरमौर जिला के साथ-साथ शिमला जिला के कुपवी क्षेत्र व उत्तराखंड के जौनसार बाबर क्षेत्र के लोगों की आस्था चूड़धार से जुड़ी है. यहां पर भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.
हिमाचल प्रदेश में पर्यटन व रोजगार को बढ़ावा देने के लिए 13 विश्व स्तरीय रोपवे क्राफ्ट का प्रकल्प तैयार किया गया है. चूड़धार रोपवे इनमें से एक है. इसके लिए 250 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने दिसंबर 2021 में ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी.
यह निर्माण कार्य नेशनल हाईवे लाजिस्टिक्स मैनेजमेंट की ओर से करवाया जाएगा. प्रदेश में रोपवे निर्माण को लेकर प्रदेश में 50 साइट की स्वीकृति के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी आफ इंडिया (NHAI) को प्रस्ताव भेजा गया था, जिसमें से 13 को मंजूरी मिली है. हिमाचल में 7 टूरिज्म कोरिडोर को भी सड़क से जोड़ा जाएगा. इसमें शिमला, कुल्लू-मनाली व धर्मशाला समेत सिरमौर के चूड़धार को भी शामिल किया गया है.
8 किलोमीटर बनेगा रोपवे
चूड़धार के लिए करीब 8 किलोमीटर लंबे रोपवे का निर्माण प्रस्तावित है. चूड़धार चोटी तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं व पर्यटकों को नौहराधार से करीब 18 किलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़ती है. रोपवे निर्माण से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि धार्मिक पर्यटन स्थल में भी अधिक श्रद्धालु पहुंचेंगे.
रोपवे के निर्माण के पीछे बड़ी वजह सड़कों के विस्तार में आ रही परेशानी भी है. सड़कों को चौड़ा करने के साथ पहाड़ों के दरकने का खतरा हर वक्त बना रहता है. ऐसे में रोपवे बेहतर विकल्प है
रोपवे से क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिलेगा
चूड़धार सेवा समिति के प्रबंधक बाबूराम ने बताया कि शिरगुल देवता की तपोस्थली चूड़धार के लिए केंद्र सरकार द्वारा रोपवे बनाने की घोषणा की गई है. इससे क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिलेगा. वही धार्मिक पर्यटन स्थल चूड़धार को एक नई पहचान मिलेगी. समिति द्वारा चूड़धार आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रहने व खाने-पीने की निशुल्क व्यवस्था की जाती है. समिति चूड़धार क्षेत्र को साफ एवं स्वच्छ बनाने के लिए भी कार्य कर रही है.