धर्मशाला. राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने आह्वान किया है कि प्रदेश के विकास के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों साथ-साथ एक सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ें. उन्होंने बुधवार को विधानसभा में अपने अभिभाषण में कहा है कि चुनकर आए सदस्य अपना समय किसी बदले की भावना से कार्य करने के स्थान पर इस पर बात पर लगाएं कि प्रदेश को कैसे आगे ले जाना है.
उन्होंने कहा है कि चुनाव बेहद सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुए हैं, फिर भी यदि चुनावों के दौरान आपस में किसी प्रकार की कटुता रही हो तो उसे भुलाकर प्रदेश हित में विचार किया जाए कि कैसे प्रदेश का प्रत्येक नागरिक संपन्न, सुशिक्षित, सुरक्षित, स्वस्थ, सुशासित और श्रेष्ठ बन सके.
विपक्ष दे सरकार को ठोस और रचनात्मक सुझाव
राज्यपाल ने कहा कि सदन में पक्ष और विपक्ष के सदस्यों को व्यक्तिगत राजनीति से ऊपर उठकर मुद्दों पर आधारित राजनीति को केंद्र में रखकर सकारात्मक ढंग से बहस करनी चाहिए. विपक्ष को चाहिए कि वो ऐसे ठोस और रचनात्मक सुझाव दें, जिनसे सरकार को नीति निर्धारण में मदद मिल सके. उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के कुशल शासन व दूरदर्शी नेतृत्व और बीजेपी की केंद्रीय सरकार की प्रगतिशील नीतियों के लिए प्रदेश की जनता ने भारी जनादेश दिया है. इस संवैधानिक प्रक्रिया में विशेष रूप से महिलाओं और युवाओं का मतदान के प्रति उत्साह प्रशंसनीय रहा है.
सामाजिक पेंशन की आयु सीमा 70 वर्ष हुई
राज्यपाल ने कहा कि इस सरकार ने अभी-अभी कुछ दिन पहले ही कार्यभार संभाला है. सरकार द्वारा कार्य निष्पादन के विषय में किसी प्रकार की चर्चा करने के लिए यह बहुत ही कम अवधि है. इसके बावजूद लोगों के जीवन स्तर में सुधार के कई कदम उठाए गये हैं. इनमें 80 वर्ष से ऊपर के वृद्धों को बिना आय के मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन की आयु सीमा घटाकर 70 वर्ष की गई है.
राज्य के कर्मचारियों को जुलाई 2017 से देय महंगाई भत्ते की तीन फीसदी की किस्त जारी की गई है और प्रदेश में किसानों को आवारा पशुओं की समस्या से निजात दिलाने को कैबिनेट की उप समिति का गठन किया गया है. इसके साथ-साथ डिमोबिलाइज्ड सशस्त्र बल और पूर्व सैनिक कोटे के कर्मचारियों को वित्तीय लाभ प्रदान किया और राज्य के तीनों पुलिस रेंज कार्यालयों में कोष्ठ की स्थापना करना, जिनमें आईजी स्तर के अधिकारी महिलाओं की शिकायतों पर 48 घंटे के भीतर कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे.
कानून व्यवस्था सरकार की प्राथमिकता
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि उनकी सरकार ने अपने स्वर्णिम हिमाचल दृष्टि पत्र-2017 को एक नीतिगत दस्तावेज बनाकर कार्य करना शुरू कर दिया है. इसमें ऐसे हिमाचल की कल्पना की गई है, जहां प्रदेश की क्षमताओं और अपार संभावनाओं का विकास किया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था सरकार की प्राथमिकता रहेगी और भ्रष्टाचार और माफिया राज से प्रदेशवासियों को सुरक्षा प्रदान करने को होशियार हेल्प लाइन की स्थापना होगी. वहीं, महिलाओं के खिलाफ हिंसक घटनाओं के निवारण को गुड़िया योजना का प्रक्षेपण किया जाएगा. इसमें सातों दिन और 24 घंटे महिला पुलिस थाने एवं आपातकालीन गुड़िया हेल्पलाइन शुरू की जाएगी.
राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा कि सरकार का प्रयास रहेगा कि प्रदेश में प्रभावी, पारदर्शी एवं जवाबदेह प्रशासन तंत्र स्थापित किया जाए. उन्होंने कहा कि यह सरकार युवा शक्ति को विकास का आधार मानती है और सरकार का प्रयास रहेगा कि हिमाचली युवक न सिर्फ रोजगार पाने में बल्कि रोजगार निर्माण में भी सक्षम हों.
एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा
राज्यपाल ने कहा कि सड़कों की गुणवत्ता में सुधार के लिये सड़क रखरखाव नीति की शुरूआत की जाएगी. सड़कों के रखरखाव, उचित ड्रेनेज और मरम्मत कार्य के लिए समय सीमा का सख्ती से पालन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हिमाचल के विकास के लिये औद्योगिकीकरण पर सरकार का फोकस रहेगा. साथ ही कहा कि नीचे जा रहे भू-जल के स्तर पर रोक लगाने को कच्चे तालाब, चैक डैम, डैम जोड़ आदि का निर्माण करने के साथ-साथ पुरातन जल स्रोतों का संरक्षण व जीर्णोंद्वार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पर्यटन के विकास के लिये एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा.
वन लगाओ-रोजी कमाओ योजना का सुदृढिकरण
राज्यपाल ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार समुचित कदम उठाएगी. वनों में आग की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिये नीतिगत ढांचा तैयार किया जाएगा. वनों से रोजगार और वृक्षारोपण के लिए वन लगाओ-रोजी कमाओ योजना को सुदृढ़ किया जाएगा.
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में कई ज्वलंत समस्याएं हैं. इनके प्रति सरकार पूरी तरह जागरूक है और चुनाव में जनता से किए गए वायदों को चरणबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए कृतसंकल्प है. उन्होंने कहा कि सरकार की विभिन्न नीतियों को किस प्रकार लागू किया जाएगा, इसका विस्तृत स्वरूप नियमित बजट में प्रस्तुत करेगी. उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी समस्याओं को सुलझाने के लिए सरकार को सभी सदस्यों का सक्रिय व रचनात्मक सहयोग मिलेगा. उन्होंने विश्वास जताया कि सभी सदस्य निष्ठा एवं समर्पण से हिमाचल के लोगों की सेवा करेंगे और इस खूबसूरत पर्वतीय प्रदेश को विकास का आदर्श राज्य बनाएंगे.