नई दिल्ली. बिहार के सृजन घोटाले में कई राजनाताओं के नाम प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ते जा रहे हैं. जांच दल के खुलासे के बाद ताजा नाम रेखा मोदी का जुड़ रहा है. रेखा मोदी बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की बहन हैं. हालांकि यह भी बताया जाता रहा है कि सुशील कुमार मोदी और उनकी बहन के बीच अच्छे रिश्ते नहीं हैं.
पुलिस की जांच में पता चला है कि सृजन के बैंक के खाते से भुगतान कर बड़ी मात्रा में हीरे के आभूषण की खरीददारी की जाती थी. अनुमान लगाया जा रहा है कि ये हीरे के आभूषण राजनेताओं और अधिकारियों को दिए जाते होंगे.
पुलिस ने अपनी जांच को बढ़ाते हुए जब दुकानदारों से पूछ-ताछ की तो पता चला कि खरीददारी रेखा मोदी के कंपनी के माध्यम से किया जाता है. पटना स्थित जलान जेम्स के मालिक ने पूछ-ताछ में पुलिस को बताया है कि रेखा मोदी के द्वारा आभूषणों की खरीददारी की गई है.
मामला सामने आने के बाद से रेखा मोदी पटना से गायब है. पुलिस रेखा मोदी की तलाश कर रही है. उनके पटना आवास पर ताला लगा हुआ है.
अभी तक राजनेताओं में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, पूर्व सांसद शाहनवाज़ हुसैन, झारखंड के सांसद निशिकांत दुबे, भाजपा के किसान मोर्चा के उपाध्यक्ष विपिन शर्मा, उपेन्द्र कुशवाह की पार्टी के दीपक वर्मा के नाम सामने आए हैं. इनके प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सृजन या उसके संचालक मनोरमा देवी या उनके बेटे अमित कुमार और उनकी पत्नी प्रिया से संबंध रहे. ताज़ा खुलासे में रेखा मोदी का नाम सामने आया हैं. नाम सामने आने के बाद भाजपा के किसान मोर्चा के उपाध्यक्ष विपिन शर्मा को निलंबित कर दिया गया है.
मामला क्या है?
साल 2007 में संंस्था ने कॉपरेटिव बैंक खोला. आरोप है कि भागलपुर ट्रेजरी(सरकार) का पैसा यहां जमा किया जाता रहा है. पिछले कई सालों से कॉपरेटिव बैंक में जमा किया हुआ सरकारी धन को प्राइवेट जगहों पर लगाया जाता रहा है.
ताजे मामले में नगर विकास योजना के तहत 502 करोड़ की राशि बैंक में जमा की गई थी. सरकार के द्वारा इस राशि से भूमि अधिग्रहण किया जाना था. जबकि यह पूरी राशि गैर सरकारी संगठन सृजन महिला सहयोग समिति के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी गई. बाद में किसानों का चेक बाउंस होने पर यह मामला खुला. नियम यह भी है कि सरकारी पैसा सिर्फ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में ही जमा होना चाहिए. जबकि इस मामले में भी नियमों को ताक पर रखा गया.
सृजन महिला सहयोग समिति क्या करती है?
गैर सरकारी संगठन ‘सृजन महिला सहयोग समिति’ 2003 में झारखंड से भागलपुर में स्थानांतरित हुआ. यह संस्था महिलाओं को प्रशिक्षण और रोजगार दिलाने का दावा करती है. साल 2003 में तत्कालीन जिलाधिकारी के द्वारा शहर के बीचो-बीच मात्र 200 रुपया मासिक किराये पर संस्था को जमीन दे दी गई. जहां इसने अपना मुख्यालय बना लिया.
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