हमीरपुर (टिप्पर पंचायत). प्रदेश भर में शिक्षा के क्षेत्र में अव्वल हमीरपुर जिले में बदहाल शिक्षा का नजारा देखने को मिल रहा है. जिले की पिछड़ी पंचायत टिप्पर के प्राइमरी स्कूल, कुन्हानी के नौनिहाल आसमान तले शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं. छह महीने पहले जर्जर हो चुके स्कूल भवन को गिराए जाने के बाद अब बच्चे निजी निर्माणाधीन मकान के अंदर व बाहर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. आलम ऐसा है कि नौनिहालों को तेज धूप में बैठना पड़ रहा है और ज्यादा बारिश होने पर दो कमरों में ही पांच कक्षाएं लगानी पड़ रही है.
इसे विभागीय उदासीनता कहें या लापरवाही कि प्राइमरी स्कूल, कुन्हानी के भवन के लिए बारह लाख रुपये स्वीकृत किए गए थे, लेकिन अबतक काम शुरू नहीं हो पाया. जिस निजी निर्माणाधीन भवन में स्कूल चल रहा था उसके मकान मालिक ने भी भवन निर्माण के लिए मकान खाली करने को बोल दिया है.
हालांकि संबंधित विभाग से भी एसएमसी कमेटी सदस्यों और परिजनों ने कई बार जल्द स्कूल का भवन बनवाने की गुहार लगाई, लेकिन कोई बात नहीं बन पाई है.
एसएमसी प्रधान सपना कुमारी ने बताया कि स्कूल भवन बनाने के लिए विभाग आनाकानी कर रहा है और इस कारण बच्चों को बाहर बैठ कर पढ़ना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि कई बार लिखित पत्राचार भी हुआ है लेकिन फिर भी काम शुरू नहीं हो सका है.
पंचायत के वार्ड सदस्य ने मांग करते हुए कहा कि प्राइमरी स्कूल के भवन का कार्य जल्द शुरू किया जाए ताकि बच्चों को आ रही परेशानियां दूर हो सके.
वहीं, बडसर विधानसभा के पूर्व विधायक बलदेव शर्मा ने भी कुन्हानी स्कूल के भवन निर्माण कार्य में देरी पर चिंता जताई और आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार के राज में शिक्षा का बुरा हाल है और सरकार लोगों की समस्याओं की अनदेखी कर रही है.
उधर, इस बारे में जब हमीरपुर शिक्षा प्रारम्भिक उपनिदेशक से पक्ष लेना चाहा तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया और यह कह कर पल्ला झाड़ लिया कि इस बारे में पड़ताल करने के बाद ही कुछ बता सकता हूं.
गौरतलब है कि प्राइमरी स्कूल के भवन को गिराए जाने के बाद से लेकर कई माह बीतने पर भी काम शुरू नहीं होने पर शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली कटघरे में आ रही है. इस मामले में लापरवाही बरते जाने पर अब ग्रामीण भी लामबंद होने की तैयारी कर रहे हैं.