धर्मशाला. शाहपुर के सरकारी स्कूल में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की मौजूदगी में बच्चों से कांग्रेस समर्थित राजनैतिक नारे लगवाये गये. ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के एक राजनीतिक कार्यक्रम में पार्टी पदाधिकारियोंं ने मंच से स्कूल की वर्दी पहने हुए सैकड़ों छात्र व छात्राओं से कांग्रेस के नेताओं के नाम के नारे लगवाये. इस दौरान शिक्षामंत्री भी मौजूद रहे.
कांग्रेस के पार्टी अधिकारियों ने कांग्रेस पार्टी जिन्दाबाद, वीरभद्र सिंह जिन्दाबाद, केवल पठानिया जिन्दाबाद, यह राजा नहीं फ़क़ीर है-हिमाचल की तकदीर हैं, जन जन की यही पुकार, राजा साहब सातवीं बार जैसे सियासी नारे लगवा दिए. मौके पर मौजूद मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, वन निगम के उपाध्यक्ष केवल पठानिया सहित जिला कांगड़ा उपायुक्त, चन्द्र प्रकाश वर्मा व अन्य आला अधिकारी मौन होकर इस सियासी तमाशे को देखते रहे.
कार्यक्रम तो कांग्रेस का था लेकिन इसमें इस्तेमाल उन स्कूली छात्रों का किया गया जो स्कूल में पढ़ाई की आस लिए पहुंचे थे. मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री के सामने ही पढ़ाई के बजाए बच्चों को सियासी पाठ पढ़ा दिया गया. कार्यक्रम में भीड़ जुटाने के लिए जब कार्यकर्ता कम पड़ गए तो पंडाल की पहली 8 पंक्तियों में स्कूली बच्चों को बिठा दिया गया.
बच्चों ने कहा कि सिर्फ पांच पीरियड ही लगे और उनके प्रधानाचार्य ने सभी को पंडाल में बैठने को कहा और वे सभी यहाँ पहुँच गए.
इस बारे में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि राजनीतिक रैली में अगर बच्चों को बुलाया गया था तो यह एक क्राईम है और बच्चों को राजनीति में प्रयोग करना बहुत गलत परम्परा है.
इस बारे उपनिदेशक, प्रारंभिक शिक्षा, दीपक किन्यत ने फोन पर कहा कि स्कूल में बच्चों से सियासी नारे नहीं लगवाये जा सकते, कार्यक्रम सरकारी था या राजनीतिक इसकी जानकारी उन्हें नहीं है.
छात्रों के हुए सियासी इस्तेमाल पर सवाल यह उठता है कि एक तरफ मुख्यमंत्री शिक्षण संस्थानों को राजनीती का अखाड़ा न बनने देने की दुहाई देते हैं जबकि मुख्यमंत्री को खुश करने के लिए शाहपुर स्कूल को ही राजनीति का अखाड़ा बना दिया गया. वहीं, सवाल के घेरे में अधिकारी भी हैं जिनके अनुमति से यह सब हुआ है.