शिमला: बिलासपुर जिला से विधायक राजेश धर्माणी और यादवेंद्र गोमा का मंत्री पद लगभग पक्का हो गया है. सुधीर शर्मा और राजेंद्र राणा में से किसी एक की ताजपोशी होगी. शुक्रवार दोपहर को हिमाचल सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर नई दिल्ली में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच हुई बैठक में इस बात पर सहमति बन गई है.
जिला कांगड़ा के जयसिंहपुर से विधायक यादवेंद्र गोमा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की पसंद हैं. अनुसूचित जाति वर्ग से संबंधित गोमा को मंत्री बनाने के लिए खड़गे के स्पष्ट निर्देश हैं. उधर, सुधीर शर्मा और राजेंद्र राणा में से एक को चुनने के लिए अगले सप्ताह दोबारा से सुक्खू दिल्ली जाएंगे.
कई पद भरने पर दिल्ली में बनी सहमति
जुलाई के पहले सप्ताह में प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है. कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव राजेश धर्माणी को मंत्री बनाकर कांग्रेस ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को उनके घर पर घेरने की रणनीति बनाई है. धर्माणी प्रदेश कांग्रेस के किसी भी गुट से भी नहीं जुड़े रहे हैं. हाईकमान के समक्ष उनकी छवि अच्छी है. इसके चलते धर्माणी की ताजपोशी तय है.
जिला कांगड़ा से अभी तक सुक्खू मंत्रिमंडल में सिर्फ एक मंत्री चंद्र कुमार हैं. प्रदेश के सबसे बड़े जिला से और मंत्री बनाने का पार्टी और सरकार पर कई तरफ से दवाब है. गोमा को मंत्री बनाकर पार्टी ने जातीय समीकरण साधने का फैसला लिया है. हालांकि सुधीर पूर्व मंत्री हैं, कांगड़ा से पार्टी का बड़ा चेहरा भी हैं. इनकी दावेदारी को अनेदखा नहीं किया जा सकता है. उधर, राजेंद्र राणा की हाईकमान से करीबियां हैं.
अगले सप्ताह से शुरू होंगी विपक्षी दलों की बैठक
अब पार्टी के पास सुधीर और राणा में किसी एक को चुनने की समस्या खड़ी हो गई है. अगले सप्ताह से शुरू होंगी विपक्षी दलों की बैठक की तैयारियां केंद्र की सत्ता तक पहुंचने के लिए राजधानी शिमला में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक के लिए अगले सप्ताह से तैयारियां शुरू होंगी.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी जल्द ही इस संदर्भ में पार्टी नेताओं की बैठक बुलाएगी. केंद्रीय नेताओं से निर्देश मिलते ही बैठक स्थल को लेकर फैसला लिया जाएगा. संभावित है कि अगले सप्ताह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी दिल्ली जाकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ इस बात पर चर्चा करेंगी.