शिमला: मौजूदा युग आधुनिकता का युग है. विश्वभर में तकनीक के क्षेत्र में आए दिन बड़े बदलाव नजर आ रहे हैं. हिमाचल प्रदेश सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को मरीजों का इलाज करने की दिशा में आगे बढ़ने का काम कर रही है.
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार हिमाचल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विभाग बनाने की योजना तैयार कर रही है. ऐसा करने वाला हिमाचल प्रदेश देश भर में पहला राज्य होगा.
विभिन्न क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल
सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशियल इटेंलिजेंस का उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा. प्रदेश सरकार विभिन्न क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करने के लिए बड़े स्तर पर काम कर रही है. इसके लिए आर्टिफिशियल इटेंलिजेंस विभाग बनाने पर भी विचार किया जा रहा है. देशभर में इस तरह की महत्वकांक्षी पहल पहली बार होगी.
स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाएगी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार हमीरपुर में राष्ट्रीय कैंसर केंद्र स्थापित करने जा रही है. इसके लिए सभी प्रक्रिया पूरी की जा रही हैं. इसके केंद्र में मुख्य तौर पर अस्पताल, पॉलीऐटिव केयर, सेंटर फॉर प्रिवेन्टिव ऑन्कोलोजी और सेंटर फॉर मोलीक्यूलर ऑन्कोलोजी विभाग होंगे. इसमें हाई-एंड प्रौद्योगिकी का उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा और विश्व स्तरीय डायग्नोस्टिक लैब स्थापित की जाएगी.
मरीज को मिल सकेगा श्रेष्ठतम इलाज
हमीरपुर में स्थापित होने जा रहे इस केंद्र में मॉलीक्यूलर ऑन्कोलोजी समेत अनेक नवीन प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल कर मरीजों को श्रेष्ठतम स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी. सीएम सुक्खू पहले भी कई मंचों से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और 5-G तकनीक के साथ मरीजों की इलाज की बात कर चुके हैं. इस बारे में मुख्यमंत्री सुक्खू ने अपने दिल्ली दौरे पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया से भी चर्चा की है.