शिमला. सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने अफसरों के लिए लैंड समेत अन्य प्रॉपर्टी खरीदने पर नई बंदिश लगा दी है. 2016 में राज्य सरकार ने व्यवस्था की थी कि सरकार से अनुमति लेने के बाद अफसर अपने नियुक्ति स्थल पर लैंड खरीद सकेंगे, लेकिन इस आदेश को अब वापस ले लिया गया है.
अफसरों को लेकर सुक्खू सरकार का बड़ा फैसला
मुख्य सचिव की ओर से जारी किए गए नए निर्देशों में कहा गया है कि अब जहां अधिकारियों की नियुक्ति है, वहां कोई लैंड परचेज नहीं की जा सकेगी. वहां से तबादला होने के बाद भी दो साल तक पिछले कार्य क्षेत्र में कोई लैंड डील नहीं होगी. मुख्य सचिव की ओर से सभी प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों को इस बारे में आदेश जारी कर दिए गए हैं.
सुखविंदर सुक्खू के नेतृत्व में बनी सरकार ने इस व्यवस्था में परिवर्तन किया है और अब अफसर ऐसी जगह जमीन नहीं खरीद पाएंगे, जहां वह तैनात हैं या तैनात रहे हैं.
जमीन के साथ ही फ्लैट खरीदने पर भी प्रतिबंध
हिमाचल प्रदेश में मंडलायुक्त, डीसी, एसपी सहित 50 से अधिक श्रेणी के अफसर अब अपनी पोस्टिंग वाले स्थानों पर भूमि और फ्लैट नहीं खरीद सकेंगे. नए निर्देशों के अनुसार कोई भी अधिकारी अब अपने नाम या परिवार के किसी सदस्य के नाम पर तैनाती के संबंधित क्षेत्राधिकार में भूमि, भवन-अचल संपत्ति नहीं खरीद सकता. साथ ही, जिन अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है, उन्हें भी हाल ही के अधिकार क्षेत्र के भीतर भूमि, भवन व अचल संपत्ति खरीदने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
यह अफसर नहीं कर सकेंगे खरीद
मंडलायुक्त, डीसी, एडीसी, एडीएम, एसीटूडीसी, एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, पटवारी के समक्ष पद वाले सभी राजस्व अधिकारी, एसपी, डीआईजी, डीएसपी, एसएचओ, जिला इंस्पेक्टर, एएसपी, कंजरवेटर ऑफ फारेस्ट, डीएफओ, रेंजर, डिप्टी रेंजर, जल शक्ति विभाग के अधीक्षण अभियंता, अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता, जिला बागवानी अधिकारी, कृषि विकास अधिकारी, उपनिदेशक, ग्राम विस्तार अधिकारी, सहायक आयुक्त कर एवं आबकारी, कर एवं आबकारी अधिकारी, सहायक अधिकारी, इंस्पेक्टर, जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी, सहायक नियंत्रण मापतौल, इंस्पेक्टर मापतौल, उद्योग विभाग के जनरल मैनेजर, मैनेजर, माइनिंग अधिकारी, उद्योग विकास अधिकारी, विस्तार अधिकारी, खंड विकास अधिकारी, खंड योजना अधिकारी, पंचायत इंस्पेक्टर, जिला श्रम अधिकारी, श्रम निरीक्षक, फूड इंस्पेक्टर, नगर निगम क्षेत्रों में आयुक्त, सहायक आयुक्त, अधीक्षण अभियंता, सहायक अभियंता, सचिव, कार्यकारी अधिकारी और कनिष्ठ अभियंता.
जानिए आखिर क्यों लेना पड़ा सरकार को ये कड़ा फैसला
प्रदेश में फरवरी 2016 से पोस्टिंग वाले स्थानों पर भूमि और फ्लैट की खरीद की अफसरों को छूट दी गयी थी. इस दौरान कई अफसरों ने प्रदेश में जगह-जगह अचल संपत्ति खड़ी कर दी. उद्योग, श्रम, राजस्व, कृषि, जल शक्ति और कर एवं आबकारी विभाग के कई अधिकारी भूमि और फ्लैट खरीदने वालों में सबसे आगे हैं. इन सब मामलों पर संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार ने अब सख्ती बरतना शुरू कर दी है. इसी कड़ी में कार्मिक विभाग की ओर से भूमि और फ्लैट खरीद पर रोक लगाने के आदेश जारी किए गये हैं. 1996, 1997 और 2012 के निर्देशों को बहाल किया गया है जिनमें अधिकारी तैनाती के सम्बंधित क्षेत्राधिकार में भूमि, भवन, अचल संपत्ति नहीं खरीद सकते.