नई दिल्ली. सर्वोच्च न्यायालय ने नेताओं की बढ़ी हुई सम्पत्ति पर कार्यवाही नहीं करने को लेकर केन्द्र सरकार को फटकार लगाई है. वैसे नेताओं जिनकी सम्पत्ति दो चुनावों के बीच 500 गुना बढ़ गयी है उन पर केन्द्र सरकार के द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी नहीं देने पर कोर्ट ने आपत्ति जतायी है. कोर्ट ने निर्देश दिये हैं कि वह अदालत में इस संबंध में जरूरी सूचना रखे. कोर्ट ने माना कि केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड(सीबीडीटी) को दिए हलफनामे में दी गयी सूचना अधूरी है.
बुधवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ ने कहा कि सीबीडीटी हलफनामे की सूचना अधूरी है. “क्या यह भारत सरकार का रुख है. आपने अब तक क्या किया है?” पीठ ने कहा, “सरकार कह रही है कि वह सुधार के खिलाफ नहीं है. जरूरी सूचना अदालत के रिकॉर्ड में होनी चाहिये.” अदालत ने सरकार से 12 सितंबर तक इस संबंध में विस्तृत हलफनामा दायर करने को कहा है.
केन्द्र की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव देश के लोकतांत्रिक ढांचे का अभिन्न हिस्सा है और वे इस संबंध में शीर्ष अदालत के किसी भी निर्देश का स्वागत करेंगे. इस पर कोर्ट ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाये. आय के स्रोत का खुलासा करने वाली याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय सुनवाई कर रही है. सुनवाई आज भी जारी रहेगी.