नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने निजता पर फ़ैसला सुनाते हुए कहा कि यह मौलिक अधिकार है. इस फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपने 1954 और 1962 के फ़ैसले को बदल दिया. जिसमे यह कहा गया था कि निजता मौलिक अधिकार नही है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जेएस खेहर के नेतृत्व में 9 जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी. दो अगस्त को सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद फ़ैसला सुरक्षित रख लिया गया था.
इस मामले में कुल 21 याचिकाएं दाख़िल की गई थी. जिसके बाद कोर्ट ने लगातार सात दिन सुनवाई के बाद फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था. दरअसल आधार कार्ड को तमाम छोटी-बड़ी चीज़ों में अनिवार्य किया जाने लगा. जिसकी वजह से आधार की ज़रूरी जानकारी निजी हाथों में भी जाने लगी. इसी वजह से यह मामला कोर्ट में सुनवाई के लिए पहुंचा.
आज का फ़ैसला काफ़ी अहम होगा. इस फैसले के बाद सरकार के विभिन्न कामों में आधार के अनिवार्य किए जाने पर असर पड़ सकता है.
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