मंडी(सुंदरनगर). सुंदरनगर विधानसभा क्षेत्र से नामांकन पत्र दायर करने के अंतिम दिन अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (एनजीओ) के पूर्व चेयरमैन सुरेश शर्मा ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी ताल ठोंक दी है.
सुरेश शर्मा ने सोमवार को अपने समर्थकों संग एसडीएम कार्यालय में सहायक निर्वाचन अधिकारी देवा श्वेता बानिक के समक्ष नामांकन पत्र दायर किया.
सुरेश शर्मा को उनके समर्थकों ने ढोल-नगाड़ों की थाप पर नाचते गाते हुए पहुंचाया. इस अवसर पर सुरेश शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि कांग्रेस और भाजपा पार्टी दोनों एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं. उन्होने कहा कि प्रदेश में वीरभद्र सरकार ने कर्मचारियों को दीवाला निकाल दिया है.
पूर्व पेंशनरों को मूल वेतन में पांच, दस और 15 फीसदी की राशि को शामिल करने की मुख्यमंत्री की घोषणा कोरी साबित हुई है. जिसके कारण प्रदेश के कर्मचारी और सेवानिवृत कर्मी ठगा सा महसूस कर रहे हैं. वही हालत भाजपा की केंद्र सरकार की भी है. पुरानी पेंशन पद्धति को लागू करने में मोदी सरकार हर मोर्चे पर फेल हुई है.
उन्होने कहा कि नोटबंदी की मार और जीएसटी से व्यापारी वर्ग पूरी तरह से निराश है. उन्होने कहा कि दोनों दलों की दोगली नीतियों से तंग आकर और वर्तमान कर्मचारी काडर व सेवानिवृत कर्मचारी काडर के समर्थन मिलने के बाद उन्होने चुनावों में उतरने का निर्णय लिया है.
उन्होने सभी निवर्तमान और पूर्व कर्मियों से एकजुट होने का आह्वान किया. इस अवसर पर प्रेश शर्मा, वेद शर्मा, हनीश शर्मा, राजेंद्र शर्मा, अभिषेक शर्मा, मनीष शर्मा, ध्रुव शर्मा, यातीश शर्मा, राधाकृष्ण शर्मा समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.