शिमला: प्रधानमंत्री पोषण अभियान के तहत बच्चों को दिए जाने वाले दोपहर के भोजन (मिड-डे मील) का स्वाद जल्द बदलने वाला है. दरअसल अब प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को निर्देश जारी किए हैं कि स्कूल अपने स्तर पर डाइट प्लान तैयार करें और सुझाव विभाग को भेजे.
इसमें हैल्दी फूड पर फोकस किया जा रहा है. खासकर ऐसी सब्जियां, जो स्थानीय स्तर पर उगाई जाती हैं, उन्हें स्कूलों की डाइट प्लान में शामिल किया जा सकता है. इसमें कांगड़ा जिला ने तो अपना डाइट प्लान लागू भी कर दिया है, जिसमें बच्चों के लिए साप्ताहिक चार्ट तैयार किया गया है. प्रधानमंत्री पोषण अभियान के तहत स्कूली बच्चों को मिड-डे मील के लिए 90:10 के अनुपात में बजट जारी किया जाता है.
योजना पर 90 फीसदी राशि केंद्र वहन करता है, जबकि 10 फीसदी राशि राज्य सरकार की ओर से वहन की जाती है. मिड-डे मील योजना का नाम बदल कर अब प्रधानमंत्री पोषण अभियान रखा गया है. इसके तहत राज्य के सरकारी स्कूलों में पढने वाले कक्षा पहली से आठवीं तक के करीब पांच लाख छात्रों को रोजाना स्कूल में मिड-डे मील यानि दोपहर का भोजन दिया जाता है. प्रस्ताव के तहत ताजे फल के साथ ताजी सब्जियां देने की भी योजना है.
अभी स्कूलों में ये आहार मिलता है
अभी स्कूलों में प्रति विद्यार्थी 100 ग्राम चावल, 30 ग्राम दाल, 60 ग्राम सब्जी, 5 ग्राम तेल, 5 ग्राम सोया बड़ी, चीनी 40 ग्राम, 6 ग्राम सूखा मेवा, 10 ग्राम प्याज, 2 ग्राम मसाला के लिए बजट आता है. इसके अनुसार स्कूलों के मिड-डे मील के लिए केंद्र सरकार 2 रुपए 98 पैसे प्रति विद्यार्थी व राज्य सरकार 1 रुपए 99 पैसे मिलाकर कुल 4 रुपए 97 पैसे प्रति विद्यार्थी डाइट मनी के लिए बजट जारी किया जाता है. यदि फल को मैन्यू में शामिल किया जाता है, तो यह बजट बढ़ जाएगा.