कांगड़ा (पालमपुर). पंचायत टाइम्स की टीम कांगड़ा के पालमपुर सीट की थाला पंचायत पहुंची.
पालमपुर सीट
कांग्रेस के अनुभवी नेता बृज बिहारी बुटेल यहां से विधायक हैं. वह 1993 से लगतार यहां से चुनाव जीत रहे हैं. पिछली बार बृज बिहारी बुटेल लगभग 23000 मतों के साथ यहां से विजयी हुए थे. दूसरे स्थान पर भाजपा प्रत्याशी प्रवीण कुमार लगभग 14000 मतों के साथ रहे थे. हिमाचल लोकहित पार्टी ने यहां भी चुनाव में तीसरा कोण बनाने की कोशिश की थी. लेकिन कोई बहुत बड़ी सफलता उसके हाथ नहीं लगी.
टिकट की सियासत
टिकट की बात करें तो भाजपा से शांता गुट के प्रवीण कुमार को टिकट मिलने की बात हो रही थी लेकिन फिर अचानक दिल्ली से इंदु गोस्वामी का टिकट फाइनल हो गया. प्रवीण की बहुतेरी कोशिशों के बाद भी उन्हे टिकट नहीं मिला और वह अब ऑटोरिक्शा के निशान पर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. कुछ इसी तरह की स्थिति कांग्रेस की भी थी. बृज बिहारी लाल पहले ही इस बार चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी. उनके बेटे आशीष बुटेल का नाम टिकट के लिये चल रहा था. इसी के साथ बृज बिहारी के स्वर्गीय भाई कुंज बिहारी बुटेल जो यहां से पहले विधायक भी थे. उनके पौत्र का नाम भी टिकट के लिये चल रहा था. लेकिन टिकट आशीष बुटेल को चला गया और कुल मिला कर अब इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला हो रहा है.
यहां से हमारे संवाददाता राजन पांडेय, कांग्रेस प्रत्याशी आशीष बुटेल के साथ लाइव हुए.
अपनी जीत की आश्वस्ति का कारण वह अपने विकास कार्य बताते हैं. रोजगार की दृष्टि से कांगड़ा के लिये अपनी प्राथमिकताओं के बारे में बताते हैं कि वह यहां के चाय उद्योग पर फोकस करेंगे और टूरिज्म का विकास कर रोजगार देने की कोशिश करेंगे. कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई से इंकार करते हुए वह कहते हैं कि उनका नाम फाइनल होने में देर भले ही हुई लेकिन यहां से केवल मेरा ही नाम प्रस्तावित था.
लंबे समय तक सत्ता में रहने वाले अपने परिवार की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए वह कहते हैं कि इस सीट पर जितना भी विकास दिख रहा है वह मेरे ही परिवार की देन हैं. सड़कें, पेयजल की व्यवस्था और जितने भी बड़े प्रोजेक्ट हैं जैसे फायर ब्रिगेड की इमारत और डिग्री कॉलेज वगैरह सभी मेरे ही परिवार की उपलब्धि कही जायेगी. पालमपुर को जिला बनाने की मांग लंबे समय से चल रही है, इससे सहमति जताते हुए वह कहते हैं कि वह हर संभव कोशिश करेंगे.