किन्नौर(कल्पा). आप चौंक जाएंगे जब 100 वसंत देख चुका बुजुर्ग आपसे लगातार और लंबा संवाद करेगा. आप और चौंक उठेंगे जब ये बुजुर्ग अपने पैरों पर चलता, अपनी दिनचर्या का पूरा पालन करता साथ ही रेडियो के जरिए देश दुनिया की हर खबर से जुड़ा भी रहता मिलेगा. ठहरिये, अभी चौंकना और बाकी है. जब यह बुजुर्ग लोकतंत्र के महापर्व में 28वीं बार वोट देने के लिए युवाओं से ज्यादा उत्साहित है. यह हैं मास्टर श्याम शरण नेगी, जो देश के पहले चुनाव से मतदान करते चले आ रहे हैं. मतदान को अपनी लिस्ट में सबसे नीचे रखने वाले आज के जवान वोटरों के लिए यह एक नजीर हैं.
अब भी देश के लिए उतना ही है जज्बा
श्याम शरण नेगी काफी उम्रदराज है और बीमार भी हैं, लेकिन वह पंचायत टाइम्स की टीम से बात करने के लिए तैयार हो गए. उन्हें ऊंचा सुनाई देता है और आंखो से दिखाई भी बहुत कम देता है लेकिन जब गौरव उनसे पुराने दिनों का जिक्र कर रहे थे तो उनके चेहरे पर अलग ही चमक देखने को मिल रही थी. उनकी बातों से देशभक्ति का जज्बा अलग से ही झलक रहा था कि किस तरह जब उन्होंने पहली दफां मतदान किया तो इस बात की खुशी थी कि हम एक ऐसा नेता चुनने जा रहे हैं जो सबको रोटी देगा, गरीबी दूर करेगा. क्योंकि उस समय खाने की बहुत किल्लत थी.
बर्फबारी की वजह से पहले हुआ चुनाव
श्याम शरण नेगी बताते हैं कि वह 1952 का दौर था जब फरवरी महीने में चुनाव होने थे. लेकिन उस समय भारी बर्फबारी होती थी, जिसकी वजह से सरकार ने यह निर्णय लिया कि 6 महीने पहले ही चुनाव करवा देंगे.
जब मतदाताओं की लाइन लगी तो उसमे श्याम शरण नेगी सबसे आगे खड़े थे. श्याम नेगी अभी तक कुल 27 बार लोकसभा और राज्यसभा के चुनाव में मतदान कर चुके हैं.
अंग्रेजों का जिक्र
श्याम शरण अंग्रेजों का जिक्र करते हुए बताते हैं कि अंग्रेज बड़े-बड़े महकमे अपने पास ही रखते थे, बाकी राजा महाराजा देखते थे. अंग्रेजों ने अंधेरे में रखा, क्योकि उस समय कोई स्कूल नहीं था. शिक्षा का बहुत अभाव था. इसके बाद कांग्रेस का बोलबाला था, लेकिन गांधी जी ने कहा कि चुनाव में आना सबका हक है.
तुम भी बन सकते हो नेता
पेशे से शिक्षक श्याम नेगी बच्चों को सिखाते थे कि तुम्हे बड़े होकर वोट डालना है. जैसे ये नेता चुनाव लड़ते हैं, आगे चलकर तुम भी ऐसे ही नेता बन सकते हो.
सुनते हैं मन की बात
श्याम शरण के पास बाहर की दुनिया की जानकारी हासिल करने के लिए उनका एकलौता रेडियो है. वह बताते हैं कि रेडियो पर प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम ‘मन की बात’ को सुनते हैं. वह बताते हैं कि उन्होंने नरेंद्र मोदी पर भरोसा जताया है क्योंकि उन्होंने गरीबी मिटाने की बात की. वह आगे बताते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी सारे देश में घूमते हुए सबको काबू में ला रहे हैं.
वह कहते हैं कि किसी भी पार्टी को जबरदस्ती कुछ करने के लिए नहीं बोल सकते. उन्हें वोट से ही बिठाया जा सकता है नहीं तो वह मरने-मारने पर उतारू हो जाते हैं.
आयोग लेकर जायेगा मतदान कराने
देश के पहले चुनाव के मतदाता को आयोग खुद गाड़ी भेजकर मतदान कराने लेकर जायेगा. इस पहले भी चुनाव में उन्हें आयोग मतदान स्थल तक लेकर जा चुका है. वह बताते हैं ‘गाड़ियां आईं थीं, बजाते हुए ले गए, लाइन में ले गए, वहां खड़ा कर दिया, वोट डाला, फिर बजाते हुए वापस ले आए.’ परदादा बन चुके श्याम नेगी कहते हैं कि वह इस बार अपने पोते से कहेंगे कि गाड़ी से मतदान कराने लेकर जाए.
युवाओं को संदेश
उन्होंने युवाओं के संदेश दिया कि देश को कैसे आगे बढ़ाना है, यहां किस चीज की कमी है, क्या बुराई है यह देखना होगा. नए वोटरों को समझाते हुए वह कहते हैं कि उन्हें पता होना चाहिए कि भविष्य की रूलिंग कैसे होना चाहिए.