सिरमौर (नाहन). हिमाचल का बदलता राजनीतिक घटनाक्रम एक नये मोड़ पर आ गया है. भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल के चुनाव हारने के बाद प्रदेश में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इस बात को लेकर चर्चाओं का माहौल गर्म है. सीएम पद के लिए तमाम नेताओं ने दिल्ली की दौड़ लगानी शुरू कर दी है मगर जनता मानती है कि सीएम ऐसा होना चाहिए जिसमें हिमाचल की नब्ज की समझ हो और जिसका दिल लोगों के कल्याण के लिए धड़कता हो.
हिमाचल को चाहिए सिरमौर से सीएम
सिरमौर हर मामले में हिमाचल का प्रतिनिधित्व करता है मगर यहां के लोग यह कहते नहीं चूकते कि कांग्रेस की सरकारों ने इस इलाके की अनदेखी की है. इलाके को विकास से दूर रखा गया है. सिरमौर के लोगोंं का मानना है कि इसकी भरपाई के लिए अब सिरमौर से ही मुख्यमंत्री होना जरूरी है. शिमला से लेकर सिरमौर तक इस बात की चर्चा है. नाहन के विधायक डाॅ. राजीव बिंदल को प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए.
बता दें कि डॉ. राजीव बिंदल सिरमौर के नाहन विधनासभा क्षेत्र से पांच बार विधायक रह चुके हैं. वह अब तक कोई चुनाव नहीं हारे हैं. पिछली सरकार में हेल्थ मिनिस्टर रहते हुए उन्होंने हिमाचल की जनता के लिए स्वास्थ्य से संबंधी बहुत से काम किये हैं. उन्हीं की वजह से नाहन में एम्स बनेगा.
राजीव बिंदल हिमाचल भाजपा के वरिष्ठ नेता
डॉ. राजीव बिंदल हिमाचल भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं. संघ से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने हर परिस्थिति में पार्टी को विजय दिलवाई है. यहां तक कि सोलन से जाकर सिरमौर में भाजपा के पक्ष में राजनीतिक समीकरण बदले हैं. लगातार दूसरी बार नाहन से चुनाव जीता है.
नरेन्द्र मोदी की तरह डॉ. बिंदल भी युवाओं की पसंद है
लोगों में विशेषकर युवाओं का मानना है. डाॅ. बिंदल जैसे जुझारू नेता को प्रदेश का नेतृत्व करना चाहिए. यदि सिरमौर को एक बार फिर से मुख्यमंत्री का पद मिलता है तो डाॅ. परमार के सपनों को डॉ. बिंदल साकार करने में सफल होंगे.
डॉ. बिंदल यदि पार्टी की पसंद बनते हैं तो यह सिरमौर और हिमाचल के लिए अच्छा रहेगा. क्योंकि हिमाचल को अब आने वाले 10-15 वर्षों के लिए नेतृत्व की आवश्यकता है. नरेन्द्र मोदी की तरह डा. बिंदल भी युवाओं की पसंद है. इसलिए उनको प्रदेश का नेतृत्व सौंपने से जहां भाजपा को लाभ होगा. वहीं प्रदेश और सिरमौर का खोया गौरव भी हासिल होगा. बता दें चुनाव प्रचार के दौरान नरेन्द्र मोदी ने सिरमौर में रैली की थी.