शिमला (शिमला ग्रामीण). शिमला ग्रामीण सीट से चुनाव मैदान में उतरे सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह के सामने पिता की साख बचाने की भी चुनौती है.
मालूम हो कि सीएम वीरभद्र सिंह छह बार हिमाचल के मुख्यमंत्री रह चुके है. वहीं, विक्रमादित्य सिंह पहली बार चुनाव मैदान में उतरे हैं. इससे पहले विक्रमादित्य सिंह सिर्फ यूथ कांग्रेस का ही चुनाव जीते है. वह काफी समय से यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे है. लेकिन विधानसभा चुनाव उनके लिए पहला अनुभव है.
धूमल पुत्र अनुराग ठाकुर की तरह विक्रमादित्य सिंह भी राजनीति में चमकना चाहेंगे. ऐसे में उनके सामने पिता की राजनीतिक विरासत को न सिर्फ आगे बढ़ाने बल्कि कभी सीएम के करीबी रहे प्रमोद शर्मा को मात देने की भी चुनौती होगी. शिमला ग्रामीण सीट पर वैसे तो छह उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं लेकिन सीधा मुकाबला विक्रमादित्य सिंह और भाजपा के प्रमोद शर्मा के बीच ही होने वाला है.
कभी वीरभद्र के करीबी थे प्रमोद
भाजपा की ओर से चुनाव मैदान में उतरे प्रमोद शर्मा कभी सीएम वीरभद्र सिंह के करीबी माने जाते थे. हालांकि उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव कभी नहीं लड़ा. हर बार बतौर आजाद उम्मीदवार, चुनावों में उतरने वाले प्रमोद काफी वोट हासिल करते थे. इस बार उन्हें भाजपा से मौका मिला है. प्रमोद के पास न सिर्फ अपना वोट बैंक होगा बल्कि भाजपा के कैडर वोट भी उन्हें मिलने वाले है.
दोनों उम्मीदवार बहा रहे पसीना
दोनों ही उम्मीदवार चुनाव मैदान में आमने-सामने हैं. ऐसे में कोई भी कमी वे नहीं छोड़ना चाहते. शिमला ग्रामीण में ज्यादातर वोटर ग्रामीण है. ऐसे में दोनों उम्मीदवार गांव में पहुंच रहे है. हर बूथ पर जाकर मतदाताओं से मिल रहे है.
9 नवंबर को होने वाले मतदान से पहले सभी दो से तीन बार हर इलाके में जाकर प्रचार की कोशिशें कर रहे है.