नई दिल्ली. झारखंड में माओवादियों के बंदी का असर सूदूरवर्ती क्षेत्रों में अधिक दिख रहा है. वहीं, कई शहरों में भी बंद का व्यापक असर दिखा. एहतियात के तौर पर ट्रेन की रफ्तार को घटा दिया गया है. मालूम हो कि सीपीआई (माओवादी) ने पुलिस द्वारा चलाये जा रहे ‘ऑपरेशन ग्रीन हंट’ के खिलाफ 20 दिसम्बर को बिहार और झारखंड में एक दिवसीय बंद करने का आह्वान किया है.
हालांकि बंद से ढाई घंटे पहले ही मंगलवार को माओवादियों ने मंगलवार की रात साढ़े नौ बजे गिरिडिह के बजरो पंचायत के मिर्जाडीह गांव में विस्फोट कर एयरटेल का टावर उड़ा दिया. टावर उड़ाने के बाद माओवादियों ने पर्चा छोड़ा जिसपर बूढ़ा पहाड़ी पर पुलिस गोलीबाड़ी के विरोध में बंंद करने की बात लिखी हुई है. घटना गिरिडिह जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर हुई.
बंद की वजह से सिमडेगा, लातेहार और चतरा में वाहन नहीं चल रहे हैं. वहीं, पलामू जिला में बंद का मिलाजुला असर दिख रहा है. खूंटी में बंद के बावजूद भी दुकानें खुली हुई है. वहीं, हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा में बंद का असर नहीं दिख रहा है. खलारी, पिपरवार में बंद के चलते कोयला ढूलाई नहीं हो पा रही है.
बंद को देखते हुये धनबाद मंडल ने हाई अलर्ट जारी किया है. बंद को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है. किऊल-भागलपुर रेलखंड पर अभयपुर और धरहरा स्टेशनों के बीच मसुदन स्टेशन के पैनल में नक्सलियों ने देर रात करीब 1.30 बजे आग लगा दी. भलुई हॉल्ट पर सीआरपीएफ एवं बीएमपी जवानों को तैनात किया गया है.
इसके साथ ही कान्हाचट्टी के राजपुर थाना क्षेत्र के तुलबुल पंचायत के राजघाट स्थित गहरी नदी में हो रहे पुल निर्माण कार्य को माओवादियो ने रोक लगा दी है. काम रुकवाने के समय मजदूरो को पीटने और वाहन लूटने की खबर भी आई है. इस पुल पर पहले ही धीमी गति से काम होने का आरोप लगता रहा है.