मंडी. जिला मुख्यालय से करीब 90 किलोमीटर दूर प्रसिद्ध शक्तिपीठ शिकारी देवी में इतिहास में पहली बार चोरी का मामला सामने आया है. शातिर मंदिर की तिजोरी तोड़कर हजारों की नकदी उड़ा ले गए. मंदिर के सराय के गेट का ताला तोड़ने में असफल रहने पर शातिरों ने एक तरफ गेट को ही तोड़ दिया है. वहीं, सराय के अंदर अलमारियों के ताले तोड़ कर भी सामान बिखेर दिये.
मंदिर के पुजारी के अनुसार मंदिर की तिजोरी को अंतिम दफा दिसंबर के आस-पास प्रशासन की देखरेख में खोला गया था. हालांकि, इसके बाद भी मकर संक्रांति के दिन भी मंदिर खुला था. पुजारी के अनुसार तिजोरी से शातिरों ने हजारों की नकदी पर हाथ साफ किए हैं. पुजारी सुरेश शर्मा ने तहसीलदार थुनाग शमशेर सिंह को घटना के बारे में सूचित कर दिया है. मंदिर के पुजारी के अनुसार किसी व्यक्ति ने उन्हें सूचना दी कि मंदिर का गेट टूटा हुआ है जिसके बाद वह मंदिर पहुंचे.
बर्फबारी न होने से सीजन में देरी से बंद हुआ मंदिर
जानकारी के अनुसार शिकारी देवी मंदिर के कपाट बर्फबारी के दौरान 15 नवंबर के बाद से ही बंद कर दिए जाते हैं. लेकिन, इस सीजन में अभी तक भारी बर्फबारी न होने के कारण मंदिर के कपाट दिसंबर तक खुले रहे.
तहसीलदार थुनाग शमशेर सिंह ने कहा कि पुजारी ने मंदिर में चोरी की सूचना दी है. इस बारे में पुलिस को सूचित किया गया है. मंदिर की तिजोरी को एसडीएम जंजैहली की देखरेख में दिसंबर माह में खोला गया था. अब पुलिस ने आगे की छानबीन शुरू की है.
वहीं, एडीशनल एसपी, मंडी भूपेंद्र कंवर ने कहा कि मंदिर में हुई चोरी की वारदात की जानकारी मिली है, जांच शुरू की गई है जल्द ही आरोपियो का पता लगाया जायेगा.
चांदी की आंखे चढ़ाने का रिवाज
बूढ़ा केदार में बर्फीले पानी में स्नान के बाद माता शिकारी के दर्शन करने सैकड़ों श्रद्धालु यहां पर पहुंचते हैं. माता शिकारी देवी को चांदी की आंखें चढ़ाने की मान्यता है. कहा जाता है कि आंखों की हर समस्या से निदान पाने के लिए श्रद्धालु यहां पर चांदी की आंखें मां को चढ़ाते हैं. लेकिन, आज तक यहां पर कभी भी चोरी नहीं हुई. मंदिर के पुजारी के अनुसार पहली बार चोरी हुई है. जिससे यहां पर सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठ गए है.