मंडी. जब कभी भी देश में कोई आपदा आती है तो सबसे पहले आपदा प्रबधन वाले पहुंचते हैं और नागरिकों को सहायता के साथ सुरक्षा प्रदान करते हैं. इसी का ख्याल करते हुए मंडी जिला के आपदा प्रबंधन वालों ने तीन दिनों के कार्यशाला का आयोजन किया.
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सौजन्य से तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन एस.डी.एम्. कार्यलय के सभागार में हुआ. कार्यशाला की अध्यक्षता एस.डी.एम्. डॉ. सुरेश जस्वाल ने की. कायर्शाला में स्कूलों के एन.एस.एस के स्वयंसेवियों ,महाविद्यालय सरकाघाट की एन सी.सी.विंग, पंचायत प्रधानों, पंचायत सचिवों और 108 एम्बुलेंस के संचालकों ने प्रतिभागियों को आपदा प्रबंधन के हुनर सिखाए.
एस.डी.एम् ने प्रतिभागियों को बताया कि किसी भी प्रकार की आपदा आने पर अपना मानसिक संतुलन न खोएं और समझबूझ से काम लें. एस.डी.एम ने आगे कहा कि हाल ही में पधर के कोटरोपी में अचानक आयी आपदा से निपटने के लिए जिस प्रकार सेना, एन.डी.आर.ऍफ़. और आपदा प्रबंधन के स्वयंसेवियों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, ये सिखने वाली बात है.
इस कार्यशाला में बच्चों को आग से दूर रखने, भूकंप आने की दशा में जल्दी से खुले में बाहर निकलने के साथ-साथ अपने होशो-हवास कायम रखने पर बल दिया गया. बस दुर्घटना के समय 108 वाले एम्बुलेंस को तुरंत सुचना देने, रस्सियों और प्लास्टिक शीट्स का प्रबंध करने, बाढ़ आने पर टॉर्च, लालटेन, केरोसिन तेल का प्रबंध रखने के साथ राशन और पेयजल का प्रबंध करने के बारे में जानकारी दी गई है.