नई दिल्ली. देश के पूर्व सैनिकों के बच्चों को अब प्रतिमाह 3,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी. केंद्रीय सैनिक बोर्ड ने बच्चों को मिलने वाली आर्थिक सहायता में 2,000 रुपये की वृद्धि की है, जो कि पहले 1.000 रुपये प्रतिमाह थी. इसकी अधिसूचना जारी हो गई है. इन अनाथ बच्चों या इनके अभिभावकों के खातों में यह राशि केंद्र सरकार की ओर से दी जाएगी.
योजना का लाभ लेने के लिए पात्रता
इस आर्थिक सहायता का लाभ लेने के लिए पूर्व सैनिकों के बच्चों की उम्र 21 साल से कम होनी चाहिए. वहीं लड़की अविवाहित होनी चाहिए. यदि लड़की का विवाह हो जाता है तो वह इस आर्थिक सहायता की पात्र नहीं होगी. इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन की अनुशंसा जिला सैनिक बोर्ड द्वारा की जाती है.
कोई भी सैनिक जो शहीद हुआ है या सेवानिवृत्ति के बाद उनका और उनके जीवनसाथी का देहांत हो गया हो, तो ऐसे पूर्व सैनिकों के बच्चों के लिए केंद्रीय सैनिक बोर्ड की तरफ से सुविधा शुरू की गई है. सैनिक कल्याण विभाग के निदेशक ब्रिगेडियर मदनशील शर्मा ने बताया है कि इस योजना को लागू करने के लिए अधिसूचना प्राप्त हो गई है.
अनाथ बच्चे अब सम्मान के साथ जी सकेंगे
आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने वाली इस योजना का संचालन केंद्रीय सैनिक बोर्ड के द्वारा की जाती है. जबकि कोष ‘रक्षा एक्स-सर्विसमैन वेलफेयर फंड’ के द्वारा मुहैया कराई जाती है. रक्षा मंत्रालय के द्वारा जारी बयान में कहा गया कि ‘रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्व सैनिकों के अनाथ बच्चों के लिए मासिक आर्थिक सहायता को 1,000 रुपए से बढ़ाकर 3,000 रुपये किए जाने को मंजूरी प्रदान की है’. साथ ही यह भी कहा कि ‘इसके जरिये अनाथ बच्चे सम्मान और गरिमा के साथ बेहतर जीवन जी सकेंगे’.
केन्द्रीय सैनिक बोर्ड ?
इस योजना का संचालन केंद्रीय सैनिक बोर्ड (KSB) करता है और रक्षा मंत्री भूतपूर्व सैनिक कल्याण कोष (आरएमईडब्ल्यूएफ) के माध्यम से वित्त पोषण किया जाता है. यह सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष का एक सबसेट है. केएसबी सचिवालय रक्षा मंत्रालय में भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग के तहत भारत सरकार की अधिसूचना संख्या के तहत कार्य करता है.
कब हुई स्थापना ?
द्वितीय विश्व युद्ध नौसेना और वायु सेना के निरंतर विस्तार के कारण, तीनों सेवाओं के संबंध में समान कार्य करने के लिए एक संगठन की आवश्यकता महसूस की गई और इसके परिणामस्वरूप द्वितीय 1919 निरस्त बोर्ड का 1944 में पुनर्गठन किया गया. मार्च 1951 में इसका नाम बदलकर इंडियन सोल्जर्स, सेलर्स और एयरमैन बोर्ड कर दिया गया. बोर्ड का पदनाम केंद्र में केंद्रीय सैनिक बोर्ड और राज्य और जिला स्तर पर राज्य सैनिक बोर्ड और जिला सैनिक बोर्ड में 1975 में बदल दिया गया था.