शिमला. तीन महीने के सूखे के बाद हुई बर्फबारी व हल्की बारिश से समूचा प्रदेश शीतलहर की चपेट में आ गया है. एक ओर जहां ठंड ने लोगों को जकड़ लिया है. वहीं किसानों बागवानों में अधिक बारिश की उम्मीद भी जागी है. बुधवार देर रात मौसम ने करवट ली और वीरवार सुबह प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी व शिमला सहित मैदानी इलाकों में हल्की बौछार हुई.
राज्य शीतलहर की चपेट में आ गया है
बर्फबारी व बारिश के कारण राजधानी सहित प्रदेश के सभी जिलों में तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है. राज्य शीतलहर की चपेट में आ गया है. शिमला जिला की बात करें तो जिला के अधिक ऊंचाई वाले कुछ क्षेत्रों में सुबह के समय बारिश के साथ साथ बर्फ के फाहे भी गिरे. हालांकि आधा घंटे के बाद ही बारिश रूक गई, लेकिन इस बारिश के किसानों बागवानों की उम्मीदों को एक बार फिर जगा दिया.
और बारिश की जरूरत है
शिमला जिला में हल्की बारिश से अपनी फसल को लेकर चिंतित बागवानों के चेहरे खुशी से खिल उठे हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि अगर ऐसे ही मौसम परिवर्तनशील रहता है तो अच्छी बारिश होगी और फसलों को संजीवनी मिलेगी. हालांकि अभी हुई बारिश फसलों के लिहाज से पर्याप्त नहीं है. किसानों को अपनी फसलों की बुआई के लिए और बारिश की जरूरत है.
बारिश होने के कारण ठंड बढ़ गयी जिसके कारण लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी. सुबह स्कूली बच्चों और कामकाजी लोगों को बारिश और ठंड के कारण घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया. दिन भर शिमला में धूप छांव का सिलसिला जारी रहा और ठंडी हवाएं चलती रही और लोगों ने जगह जगह अलाव जलाकर ठंड से बचने का प्रयास किया.
हजारों की संख्या में सैलानी कुफरी चीनी बंगला और महासू पीक पहुंचे
मौसम विभाग के मुताबिक इस सप्ताह मौसम के परिवर्तन की प्रबल संभावनाएं हैं. जिससे जिला में व्यापक बारिश के साथ साथ बर्फबारी भी होगी. मौसम की इस मेहरबानी से जिला में सैलानियों की आमद जरूर बढ़ेगी. हजारों की संख्या में सैलानी वीरवार को कुफरी चीनी बंगला और महासू पीक पहुंचे.
शिमला में 10 दिसंबर से पश्चिमी हवाएं अधिक प्रभावशाली होगी. इससे जहां जिला के अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी होगी वहीं मैदानी क्षेत्रों में व्यापक बारिश होने के आसार है. 14 दिसंबर तक जिला में बारिश का क्रम जारी रह सकता है.