शिमला. हिमाचल में दो महीने से भी ज्यादा वक्त से बंद पड़े अंबुजा और एसीसी सीमेंट को दोबारा शुरू करने की दूसरी कोशिश भी नाकाम हो गई है. मंगलवार को अडानी कंपनी के साथ राज्य सरकार की दूसरे दौर की वार्ता हुई, जिसमें अहमदाबाद से सीमेंट के सीईओ को शिमला बुलाया गया था.
8.50 रुपए रेट पर अड़ा रहा अडानी ग्रुप
इस बैठक में अडानी ग्रुप ने 8.50 और 9.50 रुपए के दो रेट दिए, जो ट्रक ऑपरेटरों को मान्य नहीं हैं. दोनों पक्षों के बीच प्रतिरोध को देखते हुए मंगलवार की बैठक की रिपोर्ट उद्योग मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को दे दी है. आगामी कार्यवाही पर अब मुख्यमंत्री ही फैसला लेंगे.
बैठक के बाद उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि इस पूरे मामले को दोनों पक्षों की जरूरत के अनुसार हल करने के लिए राज्य सरकार के स्तर पर कोशिशें जारी हैं. आज भी ट्रक ऑपरेटरों के साथ और अकेले में अलग-अलग बैठकर सीमेंट विवाद पर हुई हैं, लेकिन हल नहीं निकल पाया है.
सरकार की ओर से नेगोशिएशन जारी
राज्य सरकार ने उम्मीद नहीं छोड़ी है और नेगोशिएशन जारी है. दो-तीन दिन के बाद फिर से इस बारे में बैठक होगी और राज्य सरकार इसके लिए कोशिश करती रहेगी. दूसरी तरफ ट्रक ऑपरेटर अब अडानी कंपनी के खिलाफ खुलकर उतर आए हैं. मंगलवार को हुई इस वार्ता में एसीसी और अंबुजा दाड़लाघाट के ऑपरेटर शामिल थे. बैठक के बाद उन्होंने आरोप लगाया कि अडानी कंपनी अपने स्टैंड से आखिरी वक्त में पलट गई है और कल जिस रेट पर बातचीत हो रही थी, उससे भी नीचे उतर गई है. यह सारी साजिश हिमाचल में लॉजिस्टिक्स को अपने हाथ में लेने की है. ऐसा ट्रक ऑपरेटर नहीं होने देंगे.
ट्रक ऑपरेटर्स अब सेब बागवानों को साथ लेकर साझा मोर्चा बनाएंगे
हिमाचल में ट्रक ऑपरेटरों अब सेब बागवानों को साथ लेकर साझा मोर्चा बनाएंगे, ताकि अडानी कंपनी को यह बताया जा सके कि हिमाचल में किसानों और बागवानों का शोषण नहीं किया जा सकता. ट्रक ऑपरटरों ने कहा कि जब अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी डीजल के रेट बढ़ने के बाद ढुलाई भाड़े को बढ़ा सकती है, तो अडानी क्यों नहीं. ट्रक आपरेटरों ने यह भी कहा कि वह राज्य सरकार की कोशिशों से संतुष्ट हैं, इसलिए राज्य सरकार के खिलाफ कोई चक्का जाम नहीं होगा, लेकिन अडानी के ट्रकों को हिमाचल में एंटर नहीं करने दिया जाएगा और जो ओवरलोडिंग की कोशिश कंपनी कर रही है, उनको पकडकर चालान करवाए जाएंगे.
अहम छोडकर जल्द से जल्द विवाद सुलझाएं दोनों पक्ष_ CM सुक्खु
मंगलवार को बुलाई गई इस बैठक से पहले मुख्यमंत्री सुक्खू से जब सीमेंट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस मामले को सुलझाने की कोशिश कर रही है. इसके लिए जरूरी है कि दोनों पक्ष अहम को छोड़ कर विवाद को सुलझाने की दिशा में बढ़ें. सरकार चाहती है कि न तो ट्रक ऑपरेटरों को घाटा हो, न ही कंपनी के लिए काम करना मुश्किल हो. बहरहाल लाख कोशिशों के बाद भी सीमेंट विवाद का यह मसला सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गया है.
सरकार के साथ ट्रक ऑपरेटर्स और कंपनी को भी घाटा
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान का कहना है कि सीमेंट प्लांट बंद होने से राज्य सरकार, ऑपरेटरों और खुद कंपनी को भी इसका घाटा हो रहा है. इसीलिए इस पूरे मामले की गंभीरता सभी को पता है. इसके अलावा उद्योग मंत्री ने यह भी कहा कि यह राजनीतिक मसला नहीं है और भाजपा के कई विधायक भी इस कोशिश में हैं कि विवाद जल्द से जल्द सुलझना चाहिए.