नई दिल्ली. मानसून सत्र में पहली बार गुरुवार को सचिन तेंदुलकर राज्यसभा में नजर आये. पूर्व में सचिन तेंदुलकर और फिल्म अभिनेत्री रेखा के लगातार राज्यसभा में गैरहाजिर रहने पर समाजवादी पार्टी के सांंसद नरेश अग्रवाल ने सवाल उठाये थे. उन्होनें कहा था कि उन्हें राज्यसभा से इस्तीफा दे देनी चाहिए.
हालांकि, गुरुवार को सचिन प्रश्नकाल के दौरान पूरे समय सदन में नजर आये. लेकिन, ट्वीटर पर लोगों ने सचिन के राज्यसभा में खराब प्रदर्शन का मजाक बनाया.
एक ट्वीटर यूजर वीर ने लिखा “वह दुखी हैं क्योंकि यहां कोई सचिन-सचिन नहीं चिल्ला रहा है.”
He was sad because nobody was screaming “Sachin Sachin” in there pic.twitter.com/HAUDUBgazL
— ★ Veer ★ (@ClawedHumor) August 3, 2017
“फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने कहा कि सचिन जैसे सांसदों को दोबारा सोचना चाहिए कि क्या वे राज्यसभा में मिली जगह का सम्मान कर रहे हैं.” देखिये पूरा वीडियो;
“MPs like Sachin should think twice whether they can do justice to their #RajyaSabha chair,” says filmmaker @ashokepandit on #SachinDontBunk pic.twitter.com/lDygTm8lEW
— Republic (@republic) August 3, 2017
@SickularLibtard हैंडल से ट्वीट हुआ, वे फिल्म पर ‘मास्टर ब्लास्टर’ हैं और संसद में ‘मास्टर बंकर’ हैं.
Sachin Tendulkar is Master
On field : Master Blaster
In Parliament : Master Bunker
When its ur special appearance but not treated like 1
😂 pic.twitter.com/8RRrdTHjVd
— Sickcular Libtard (@SickularLibtard) August 4, 2017
जयप्रकाश ने तंज कसा है कि सचिन कई ब्रांड के लिए एम्बेसडर हैं, संसद को ऐसे लोगों की जरूरत नहीं है.
#SachinDontBunk Sachin is Brand Ambassador for many products, Parliament doesn’t need one!
— Jaiprakash Vappala (@JVappala) August 3, 2017
मालूम हो कि सचिन तेंदुलकर को वर्ष 2012 में मनोनित किया गया था. 250 सदस्यों वाले राज्य सभा में 12 सदस्यों का मनोनयन राष्ट्रपति करते हैं. विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को राज्यसभा के बहस की गुणवत्ता को बढ़ाने के उदेश्य से मनोनयन किया जाता है. सचिन तेंदुलकर पहले राज्यसभा सांसद हैं, जो खेल से जुड़े हुए हैं. हालांकि वे अपने अबतक के कार्यकाल के दौरान 348 दिनों में सिर्फ 38 दिन ही उपस्थित रहे. इस दौरान सचिन ने 58 लाख से अधिक रूपये प्राप्त किया, जो उनको मिलने वाले तय वेतन के अतिरिक्त है.
सचिन के साथ अभिनेत्री रेखा का भी मनोनयन किया गया था. राज्यसभा में उनकी उपस्थिति सचिन से भी खराब रही है. वे 348 दिनों में सिर्फ 18 दिन ही राज्यसभा में उपस्थित रहीं. जबकि उन्होनें 65 लाख रूपया सिर्फ भत्ता खर्च के लिए प्राप्त किया. जो प्रतिदिन के हिसाब से 3 लाख 60 हजार रूपया बैठता है.
मनोनयन के बाद से रेखा ने संसद में कोई सवाल नहीं पूछा है. हालांकि सचिन ने अबतक कुल 22 सवाल पूछे हैंं.
सचिन के राज्यसभा सांसद बनने पर लगा था कि वे खेल और खिलाड़ियों की दुर्दशा पर देश की संसद को सोचने पर मजबूर करेंगे.
भाजपा के प्रवक्ता रवि शंकर प्रसाद ने कहा था “सचिन एक महान खिलाड़ी हैं. हम उनपर गर्व करते हैं. अगर उनका मनोनयन होगा तो वे संसद के लिए भी जरूर प्रतिबद्ध रहेंगे.”
उनके सांसद बनने पर सचिन तेंदुलकर के साथ खेल चुके क्रिकेटर और मीडिया विश्लेषक संजय मांजरेकर ने कहा था “मुझे सिर्फ इसी बात का डर है कि जो जिम्मेवारी उन्हे दिया जा रहा है, वो इसमें योग्य नहीं बैठते हैं, मैंने तो अबतक ऐसा कोई लक्षण नहीं देखा.”
संजय मंजेरकर का डर अब सच होते दिख रहा है.