बिलासपुर(घुमारवीं). सिविल अस्पताल घुमारवीं को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कौल सिह ठाकुर ने 100 बिस्तरों की सौगात तो दे दी लेकिन हैरानी की बात है कि 17 वर्षों से अल्ट्रॉसाउंड की मशीन बन्द कमरे में धूल फांक रही है. जिसे चालू करने की किसी ने ज़हमत नहीं उठायी है. अल्ट्रॉसाउंड की सुविधा केवल कागजों मे ही सिमट कर रह गयी है.
किसान संघर्ष समिति के सचिव बृज लाल शर्मा ने कहा कि साढ़े तीन साल से घुमारवीं सिविल हस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट का न होना एक गंभीर चिंता का विषय है. बृज लाल ने कहा कि हमने ऑर्थो, स्त्री, सर्जिकल, एनास्थीसिया, मेडिसिन विशेषज्ञ आदि डॉक्टरों को उपलब्ध करवाने के लिये कई बार ज्ञापन सौंपे.
संघर्ष समिति ने स्वास्थ्य मंत्री वह प्रदेश के मुख्यमंत्री से कई बार इस बारे में अपील कर चुकी है लेकिन हालत जस की तस है. बृज लाल ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री का ये कहना है कि “मरीजों को 24 घण्टे स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिये सरकार प्रतिबद्ध है” सब एक धोखा है.
बृज लाल ने कहा कि घुमारवीं अस्पताल में 17 साल से अल्ट्रासांउड मशीन बन्द कमरे में पड़ी है यही सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोलने के लिये काफी है. जब अस्पताल में डॉक्टर ही नहीं होंगे तो अस्पताल में सुविधाएं कैसे उपलब्ध होंगी. स्वास्थ्य मंत्री दो बार इस अस्पताल में उद्घाटन और शिलान्यास करने के लिये आ चुके हैं लेकिन समस्या जस की तस बनी हुयी है. उन्होंने कहा कि जगह-जगह खोले जा रहे स्वास्थ्य केंद्र केवल जनता के साथ छलावा है और केवल वोटों की राजनीति है. राजनीतिक पार्टियां सत्ता में आने के बाद अपने वादों को भूल जाती है और जनता अपनी समस्याओं से जूझती रहती है.