नई दिल्ली: कोरोना के नए मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने आज समीक्षा बैठक की. बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एब एक दूसरे के साथ मिलकर सरकार के दृष्टिकोण के हिसाब से काम करने का समय आ गया है. बिना घबराए पूरी तरह से सतर्कता बरतने की जरूरत है.
बैठक में इन लोगों ने लिया भाग
बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों, अधिकारी समेत कई लोग शामिल हुए. इस दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं और तैयारियों के साथ ही संक्रमण की रोकथाम के उपायों पर चर्चा की गई. आईसीएमआर के निदेशक डॉ. राजीव बहल, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल और आईसीएमआर की पूर्व महानिदेशक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने भी इस बैठक में भाग लिया.
यह एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने का समय
कोविड-19 पर समीक्षा बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा, ‘यह एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने का समय है. हमें अलर्ट रहने की जरूरत है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है.’
उन्होंने कहा कि अस्पताल की तैयारी, निगरानी बढ़ाने और लोगों के साथ प्रभावी संचार के मॉक ड्रिल के साथ तैयार रहना महत्वपूर्ण है. हर तीन महीने में एक बार सभी अस्पतालों में मॉक ड्रिल की जानी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘मैं राज्यों को केंद्र की ओर से सभी प्रकार के समर्थन का आश्वासन देता हूं. स्वास्थ्य राजनीति का क्षेत्र नहीं है.’
देश को सजग रहने की जरूरत: वीके पॉल
नीति आयोग के सदस्य ने कहा कि कोरोना वायरस अभी तक खत्म नहीं हुआ है, इसीलिए देश को सजग रहना होगा. उन्होंने कहा कि भले ही इसका स्वरूप माइल्ड ही रहे और हमारी लाइवहुड पर इसका असर न पड़े, लेकिन फिर भी तैयारी पूरी होनी चाहिए.
उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से सर्विलांस बढ़ा दी गई है. जीनोम सीक्वेंसिंग भी बढ़ाई जा रही है. वायरस संक्रमितों को आइसोलेट किया जा रहा है. बता दें कि कोरोना के नए वेरिएंट JN.1 का पहला मामला लक्षेमबर्ग में सामने आया था. अगस्त से अब तक 36 से 40 देशों में अब तक इस वेरिएंट की मौजूदगी दर्ज की गई है.