मंडी(करसोग). करसोगवासी इन दिनों लावारिस पशुओं के आतंक से त्रस्त हैं. जहां से लावारिस पशु किसानों की फसलों को बर्बाद कर रहे है. सड़कों पर एकत्रित हो कर दूर्घटनाओं का सबब बन रहे है. इतना ही नहीं पशु कई बार राहगीरों को टक्कर मारकर अस्पताल का रास्ता दिखा चुके हैं.
जहां राहगीरों को अपनी जेबें ढीली कर के अपना इलाज करवाना पड़ता है. इसकी जिम्मेदारी न ही तो प्रशासन लेता है न ही सरकार, दिन प्रतिदिन इन बेसहारा पशुओं की संख्या में इजाफा हो रहा है.
वाहन चालक दुर्घटना का शिकार हो चुके है
इन आवारा पशुओं को बचाते समय कई बाइक सवार व वाहन चालक दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं. वहीं रात को किसानों के खेतों में घुस कर हरी भरी फसल व उगाई गई सब्जियों को चट कर रहे है. जिससे किसानों को अपनी आजिविका की चिंता सताने लगी है. किसानों को आर्थिक तंगी से भी गुजरना पड़ रहा है.
हाईकोर्ट की अवहेलना
भले ही सरकार पशुओं के पंजीकरण की पहल की थी. लेकिन सरकार की इस योजना ने आधे रास्ते में ही दम तोड़ दिया. माननीय उच्च न्यायलय ने बड़ी सख्ती से लावारिस पशुओं के लिए गौ सदन निर्माण की बात कही थी. लेकिन निर्माण तिथि खत्म होने के बाद भी, स्थानीय प्रशासन व स्थानीय पंचायतें इन पशुओं के लिए गौसदन निर्माण को लेकर कोई ठोस नीति नहीं बना पाई. जिसे सीधे शब्दों में हाईकोर्ट की अवहेलना कहा जा सकता है.
पूर्व में रहे विधायक हीरालाल, रामसिंह, सुरेष कुमार, प्रधान व्यापार मंडल नवीन गुप्ता, सचिव राकेश गुप्ता, दिलीप कुमार गौतम और जगदेव आदि ने सरकार से गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द पंचायत स्तर पर लावारिस पशुओं के लिए गौसदन का निर्माण किया जाये, जो लोग मवेशियों भटकने के लिए छोड़ रहे है. उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए.