शिमला. हिमाचल भाजपा में टिकट की खींचतान के बीच सारे दिग्गज नाराज चल रहे हैं. आलम यह है कि प्रदेश भाजपा के सबसे वरिष्ठ दिग्गज और पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार अपने चहेतों को टिकट न मिलने से नाराज हैं. अपने गृहक्षेत्र पालमपुर से प्रवीण शर्मा को भी टिकट न दिलवा पाने की टीस उन्हें अंदर ही अंदर जला रही है. कभी खुद को हिमाचल भाजपा के पुरोधा मानने वाले शांता कुमार राजनीति की दिशा बदलने की ताकत रखते थे. समय का चक्र कुछ ऐसा चला कि अब उनकी एक नहीं चल रही. बीते चुनावों में कांगड़ा की 10 सीटें शांता कुमार के इशारे पर लड़ी गयीं, लेकिन ज्यादातर भाजपा हार गई और वीरभद्र सिंह सरकार बनाने में सफल हुए. कहा जा रहा है कि इस बार उन्हें 4 सीटें दी जा रही थी. लेकिन उसमें भी एक न चली तो नाराज हो कर शांता कुमार पालमपुर लौट आए.
मनाने पहुंचे जगत प्रकाश नड्डा
अब चुनाव सर पर हैं तो दूसरे पुरोधा जगत प्रकाश नड्डा उन्हें मनाने सीधा पालमपुर पहुंच गए हैं. अब नाराजगी दूर करनी है तो कुछ बातें शांता की भी माननी पड़ेंगी. अगर ऐसा हुआ तो कुछ टिकट कट भी सकते हैं. तो फिर भाजपा में सिर फुटौवल की नौबत आ जायेगी. इस हाल में मिशन रिपीट का सपना संजोए भाजपा को जनता के गुस्से के साथ ही नेताओं की बगावत का दंश भी झेलना पड़ सकता है. अब देखना होगा कि भाजपा अंदर की लड़ाई से निपटने के लिए किस ब्रह्मास्त्र का प्रयोग करती है. क्योंकि अगर शान्ता कुमार शांत न हुए तो भाजपा में अशांति फैलना तय माना जा रहा है.