नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश में पहली बार राज्य के नामकरण दिवस पर उत्सव मनाया जा रहा है. बुधवार को प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अवध शिल्पग्राम में उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू ने दीप प्रज्वलित कर यूपी दिवस और लखनऊ महोत्सव का उद्घाटन किया. इस अवसर पर राज्यपाल रामनाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई मंत्री मौजूद रहे. प्रदेश की सांस्कृतिक परंपराओ और धरोहरों को बढ़ावा देने के मकसद से इसका आयोजन किया जा रहा है.
यूनाईटेड प्राविंस से बना उत्तर प्रदेश
यूपी यानि कि उत्तर प्रदेश का नाम पहले यूनाईटेड प्राविंस था, जिसे 24 जनवरी 1950 को बदलकर उत्तर प्रदेश कर दिया गया और जिसे शॉर्ट में यूपी कहा जाता है. ताज्जुब की बात देखिये कि यूपीवासी मुंबई में रहकर भी यूपी दिवस मनाते हैं लेकिन यूपी ऐसा कोई दिवस नहीं मनाया जाता था. इसी मद्देनजर राज्यपाल राम नाईक ने वर्ष 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से युपी दिवस मनाने का आग्रह किया था, जिसे मुख्यमंत्री ने अनसुना कर दिया था. अब योगी सरकार ने पहली बार इस दिवस को मनाने का निर्णय लिया है.
रिया दत्ता, मिली दत्ता और तान्या दत्ता को मिलेगा सम्मान
यूपी दिवस 24 से 26 जनवरी तक चलेगा और पहले तीन दिन तक दर्शकों को कोई टिकट नहीं लगेगा. इन तीन दिनों तक शाम 5.30 बजे से रात 10 बजे तक आयोजित किए जाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की जिम्मेदारी संस्कृति विभाग को मिली है. राज्य के अलग-अलग जिलों में भी यूपी दिवस को शानदार तरीके से मनाया जाएगा. उन लोगों को भी सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने प्रदेश का नाम बढ़ाया है. इन्हीं में से मिर्जापुर के लखनिया दरी में अपनी जान पर खेलकर फ्रांसीसी महिला पर्यटकों की रक्षा करने वाली वाराणसी के सोनारपुरा की तीन बहनों रिया दत्ता, मिली दत्ता और तान्या दत्ता को आज यूपी दिवस पर वाराणसी जिला प्रशासन की ओर से सम्मानित किया जाएगा.