चंबा. जब भी चुनाव आते हैं तो सभी पार्टियों के उम्मीदवार लोगों को सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के लिए बड़े-बड़े दावे करते हैं. लेकिन चुनाव जीतने के बाद सभी वादों को भूल जाते हैं और पांच साल तक लोग उसी हालत में रहने पर मजबूर हो जाते हैं.
चंबा जिले के ऊपरी क्षेत्र में बहुत सी ऐसी सड़कें हैं जिन्हें अभी तक पक्का न किए जाने की वजह से वह सड़कें लोगों के लिए जी का जंजाल बनी हुईं हैं. बरसात में इन सड़कों पर इतनी फिसलन होती है कि वहां वाहन तो क्या पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है.
खजियार के बैंसका गांव में मात्र डेढ़ किलोमीटर सड़क, जो पिछले कई सालों से बन चुकी है लेकिन उसे पक्का नहीं किया गया है, जिसकी वजह से वहां के लोगों को काफ़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
यह सड़क पंचायत के आधीन होने के बावजूद पंचायत प्रतिनिधि भी इसके लिए कोई उचित कार्यवाही नहीं करते हैं. यह सड़क इसलिए भी जरूरी है क्योंकि पर्यटन नगरी खजियार में आने वाले पर्यटकों को भी यहां बने होटलों में रहने के लिए इन्ही सड़को पर सफ़र करना पड़ता है. इस खराब सड़क पर वाहन चलाने की वजह से वाहनों को काफी क्षति पहुंचती है. इन सड़कों पर न तो तारकोल डाला गया है और न ही सड़क के किनारे पर कोई क्रेश बैरियर या पैराफिन लगाए गए हैं.
बाहर के राज्यों से खजियार घूमने आए पर्यटक यहां के मनमोहक वातावरण में इतने रम जाते हैं कि वह भूल जाते हैं कि जिस मार्ग पर जा रहे हैं वो रास्ता खतरों से खाली नहीं है. वह यहां की हसीन वादियों और प्राकृतिक सौंदर्य का अवलोकन करने के लिए पहाड़ों के नीचे चले तो जाते हैं, लेकिन जब उस सड़क को पार कर रहे होते हैं तब उन्हें एहसास होता है कि उन्होंने बहुत बड़ी गलती कर दी है. उन्हें अपनी गाड़ी से उतरकर पैदल चलने पर मजबूर होना पड़ता है.
निराश पर्यटक
मिनी स्वीटजरलैंड कहे जाने वाले खजियार घूमने आए पर्यटक भी इस सड़क को देख काफी दुखी दिखे. यहां पर घूमने आए पर्यटकों ने बताया कि वैसे तो उन्होंने सुना था कि खजियार को मिनी स्वीटजरलैंड का दर्जा दिया गया है, लेकिन यहां की सड़कें और यहां के हालात को देखकर जरा भी नहीं लगता है कि यह मिनी स्वीटजरलैंड है.
उन्होंने बताया कि सड़कों की इतनी बुरी हालत है कि यहां पर सफर करना खतरे से खाली नहीं है. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि वह जब भी अपने परिचित के लोगों को यहां के बारे में बताएंगे तो उन्हें यहां सफर न करने की सलाह देंगे, क्योंकि यहां पर सफर करना खतरे से खाली नहीं है.
उन्होंने सरकार और प्रशासन से आग्रह करते हुए कहा कि यह एक पर्यटक नगरी है और यहां की सड़कों और यहां के हालात को दुरुस्त किया जाए, ताकि पर्यटक यहां चैन से घूम-फिर सकें.
आए थे घुमाने, कर रहे हैं क्रेन का इंतजार
खजियार में पर्यटकों को घुमाने के लिए लाने वाले टैक्सी ड्राइवरों ने भी यही कहा कि वह पर्यटकों को ऐप्पल गार्डन दिखाने के लिए अपनी गाड़ी में ले जा रहे थे. लेकिन उन्हें यह मालूम नहीं था कि यहां पर रास्ता इतना खराब होगा कि उनकी गाड़ियां फंस जाएंगी.
उन्होंने कहा कि वह गलती से इस मार्ग में चले आए हैं, जिसकी वजह से उनकी गाड़ी भी खराब हो गई है और पर्यटकों को यहां से पैदल भेजना पड़ा. अपनी गाड़ी को निकालने के लिए अब चंबा से क्रेन मंगवानी पड़ी है. उन्होंने कहा कि दोबारा मैं कभी भी यहां पर्यटकों को घुमाने के लिए नहीं लाऊंगा, क्योंकि यहां पर काफ़ी खतरा है.
स्थानीय वाहन चालकों ने बताया कि उन्हें यहां वाहन चलाने में काफी दिक्कत होती है. उनकी लाखों रुपए की गाड़ियां जब यहां पर चलती है तो उन्हें रोजाना उस की सर्विस करवानी पड़ती है. जिसमें उनका काफी खर्चा हो जाता है. उन्होंने बताया कि अगर यहां गाड़ी न लाएं, तब भी उन्हें मुश्किल है क्योंकि सामान को यहां से करीब तीन किलोमीटर पीठ पर उठाकर लाना पड़ता है. अगर कोई बीमार हो जाए तो उसे भी उठाकर लाना पड़ता है.
नहीं ले रहा कोई सुध
वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर जब से यह रोड बनी है, तब से यहां पर न हो किसी विधायक ने इस रोड के बारे में कोई उचित कदम उठाया है और न ही यहां के पंचायत प्रधान ने इस रोड की सुध ली है.
ग्रामीणों ने बताया कि यहां हमारी पंचायत के करीब दो-ढाई हजार लोग इससे परेशान हैं. उन्होंने बताया कि अगर चुनाव पहले इस मार्ग को ठीक नहीं किया गया तो वह इस बार के विधानसभा चुनावो में अपने मत का प्रयोग नहीं करेंगे और जो कोई हमारी समस्याओं का हल करेगा हम उसी का साथ अगले चुनावों में देंगे.