नई दिल्ली. उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने ‘अर्थव्यवस्था में मंदी’ पर सरकार का बचाव किया है. उन्होंने कहा है कि लंबे समय के फायदे के लिये छोटे समय के कष्ट को उठाना ही पड़ेगा. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वे किसी मामले में शामिल नहीं हो रहे हैं.
किसी का नाम लिये बिना उन्होंने कहा, “अस्थाई चीजें कुछ समय के लिए होती हैं. आपको लंबे समय के फायदे के लिए अस्थाई कष्ट सहन करना ही पड़ेगा. मैं इस मामले में नहीं पड़ रहा हूं. कुछ लोग हैं जो अपनी स्किल्स का इस्तेमाल करके इस पर बहस कर रहे हैं, लेकिन वे भूल रहे हैं कि उन्होंने क्या किया है, क्या करना है और क्या करने की जरूरत है.”
उपराष्ट्रपति के इस बयान को पूर्व वित्तमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ मंत्री यशवंत सिन्हा के भारतीय ‘अर्थव्यवस्था की मंदी’ के लिये केन्द्र सरकार की आलोचना के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है.
पूरा मामला जानें
गौरतलब हो कि पूर्व वित्तमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंंत सिन्हा ने एक अंग्रेजी अखबार में लेख लिखकर भारतीय ‘अर्थव्यवस्था में मंदी के लिए अरुण जेटली को जिम्मेदार ठहराया था’. पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने नोटबंदी को घटते आर्थिक वृद्धि में ‘आग में घी डालने’ वाला फैसला करार देते हुये वित्त मंत्री अरुण जेटली को अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के लिए दोषी ठहराया था. उन्होंने लिखा था कि गणना के पुराने तरीके से जीडीपी वृद्दि दर 3.7 फीसदी से भी कम हो चुका है.
यशवंत सिन्हा के बयान ने विपक्षी पार्टियों की आलोचना को एक नई धार दे दी है. वहीं, भाजपा के सांसद और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने यशवंत का समर्थन किया है. पूरी खबर पढ़ें, यशवंत को शत्रु का समर्थन, बेटे का वार
भाजपा सांसद और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने यशवंत सिन्हा के द्वारा अर्थव्यवस्था पर उठाये गये सवालों पर गंभीरता से विचार करने की सलाह दी है. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा है कि सिन्हा जैसे अनुभवी और कुशल राजनेता की बात को हल्के में लेना एक बचकाना फैसला होगा.